बाराबंकी। 26 दलों के गठबंधन को गिरोह करार देते हुए आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि भाजपा पीएम मोदी की बढ़ती लोकप्रियता और पसमांदा मुस्लिम के झुकाव की छटपटाहट का नतीजा यह गिरोह है। इस गिरोह के सदस्य फिलहाल एक साथ हैं पर लम्बे समय के लिए नही। उन्होंने कहा कि पसमांदा मुसलमान को जागरूक करने के लिए संगठन अभियान चलाएगा। जिसकी शुरुआत 21 जुलाई से होगी।
इंडिया के बनने पर टिप्पणी करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि इस गिरोह में वह सारे दल हैं जो अपनी अपनी जातियों को सत्ता रहते फायदा पहुंचाने के लिए बदनाम हैं। बसपा ने दलितों को, सपा ने यादवो को कांग्रेस ने अशराफ मुसलमान को तरजीह दी, किसी के एजेंडे में पसमांदा मुसलमान नही रहा जिसकी सामाजिक स्थिति दलितों से भी बदतर बताई जा चुकी है और जिस 85 फीसदी समाज ने इन सभी दलों को सत्ता की दहलीज तक पहुंचाया। बस यही आस बंधी रही कि इस सहयोग के एवज में यह दल पसमांदा मुसलमान के लिए कुछ करेंगे कुछ सोंचेंगे पर आजादी के बाद से अब तक पसमांदा मुस्लिम समाज का सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल होता रहा। किसी ने इस समाज के हक व बुनियादी सुविधाओं का ख्याल नही किया।
उन्होंने कहा कि आज जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पसमांदा मुस्लिम की बात की, उसे साथ जोड़ने की पहल की, पार्टी ने भी कदम आगे बढ़ाया तो दूसरे दलों में आग लग गई, अब सब पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे, इंडिया नामक मोर्चा भी बना डाला। वह यह भूल गए कि पसमांदा मुसलमान अब जागरूक हो चुका है वह उसी का साथ देगा साथ रहेगा जो उसकी बात करेगा और उसे हिस्सेदारी देगा। पसमांदा मुसलमान भाजपा का साथ देने का मन बना रहा तो इसमें हर्ज ही क्या है, दूसरे दल थोड़ा पीछे झांके और टटोले कि उन लोगों ने पसमांदा मुसलमान का सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल करने के अलावा किया ही क्या है। उन्होंने बताया कि आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज 21 जुलाई से पहले बाराबंकी में विधानसभावार जागरूकता अभियान चलाएगा। जिसके माध्यम से इस समाज को जागरूक करते हुए हिस्सेदारी देने वाले के साथ चलने की अपील की जाएगी। दूसरे दलों से भाजपा की तुलना की जाएगी।