यही सत्य है कि आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की मणिपुर के विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी हुई धमकी ने साबित कर दिया है कि न्यायपालिका अब Judicial Terrorism के मार्ग पर चला पड़ी है -इसके पहले कल सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत देते हुए बेंच ने गुजरात पुलिस को कहा कि यदि उसे लगे कि तीस्ता के केस में गवाहों पर दबाव डाला जा रहा है तो वह सीधा सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करे – इसका मतलब साफ़ है, तीस्ता को हम यहां बचाते रहेंगे – कोर्ट का मानना है गुजरात के कोर्ट किसी काम के नहीं है -दिल्ली सरकार के लिए “चुनी हुई सरकार” का झुनझुना बजाने वाला चंद्रचूड़ आज नरेंद्र मोदी को चुना हुआ प्रधानमंत्री होते हुए भी धमकी दे रहा है – चंद्रचूड़ ने मणिपुर वीडियो पर स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र की मोदी सरकार को धमकी दी है कि “अगर सरकार कुछ नहीं करेगी तो हम कार्रवाई करेंगे” -चंद्रचूड़ की इस धमकी पर लेफ्ट लिबरल गैंग ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी का त्यागपत्र मांगने के लिए टूट पड़ा और इसका मतलब साफ़ निकलता है कि चंद्रचूड़ विपक्ष के हाथों की “कठपुतली” बन कर काम कर रहे हैं -बंगाल जल रहा है, उदयपुर में कन्हैया की गर्दन उड़ा दी गई, अमरावती में उमेश कोल्हे का सर तन से जुदा कर दिया गया, राजस्थान में हनुमान जयंती और रामनवमी शोभा यात्राओं पर जमकर हिंसा की गई, पालघर में साधुओं की निर्मम हत्या कर दी गई और न जाने ऐसे किस्त्ने ही किस्से हैं जिन पर कभी स्वतः संज्ञान नहीं लिया सुप्रीम कोर्ट ने लेकिन आज मणिपुर के लिए तड़प उठे हैं -मणिपुर में कांग्रेस का खेला हुआ खेल है और ऐसा वहां के ही एक लोकल पार्टी के नेता ने कहा -इतना ही नहीं राहुल गांधी को भगा दिया गया मणिपुर से – मणिपुर में अमेरिका Offer करता है शांति स्थापना के लिए और उसके बाद EU भी अपनी दुकान खोलना चाहता था – दोनों को जब मोदी सरकार ने मना कर दिया तो चंद्रचूड़ कूदे हैं कि मैं करूंगा मोदी का खेल -आज ही केंद्र सरकार के दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश को चंद्रचूड़ ने 5 जजों की संविधान पीठ को भेज दिया – यह “माफियागिरी” है जो कानून पास हुए बिना ही उसे रोकना चाहते हो -चद्रचूड़ को पता है राहुल गांधी को जिस बयान के लिए 2 साल की सजा हुई है, वह बयान नरेंद्र मोदी को निशाने पर रख कर दिया गया था मगर फिर भी राहुल गांधी पर मेहरबानी की जाएगी क्योंकि उस केस में दोनों फैसले गुजरात की अदालतों के आए हैं और गुजरात की अदालतों को सुप्रीम कोर्ट “नाकारा” समझता है -आज की न्यायपालिका “Judicial Terrorism” के मार्ग पर चल रही है – विपक्ष के 26 दलों के नापाक “ठगबंधन” में 26 नहीं 27 सदस्य है और 27 नंबर पर सुप्रीम कोर्ट है – बेहतर होगा ये “ठगबंधन” अपना प्रधानमंत्री के लिए उम्मीदवार “चंद्रचूड़” को ही बना दे -सरकार के घर में दखल देने की बजाय “न्यायपालिका” अपने घर को संभाल ले जो 3 जजों के ट्रांसफर पर वकील ही विरोध में खड़े हो गए -एक बात याद रखनी चाहिए मीलॉर्ड को कि “अति का अंत” जरूर होता है और यदि आप सत्ता के नशे में ऐसे व्यक्ति को सता रहे हैं जो कभी प्रतिकार नहीं करता, तो समझ लीजिये, उसकी आत्मा का श्राप तुम्हे कहीं का नहीं छोड़ेगा -महामहिम राष्ट्रपति जी से अनुरोध है कि वे प्रधानमंत्री का अपमान करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों पर अपने तरीके के नकेल कसने का काम करें –