कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उनका पैतृक आवास दीपों की रोशनी से जगमग हो उठा। चितेरे रचनाकार की स्मृति में उनके चाहने वालों ने एक-एक करके 5100 दीपों से उनकी जन्मस्थली से लेकर कर्मस्थली को रोशन किया। शाम के धुंधलके में टिमटिमाते दीपों की रोशनी में कथा सम्राट की कहानियों की स्मृतियां भी हर किसी के मन में उतरती गईं। लमही से लेकर बीएचयू तक विविधि आयोजनों के जरिये सोमवार को मुंशी प्रेमचंद को नमन किया गया। शहर भर के साहित्यकार और गणमान्य लोगों ने जन्मस्थली पर पुष्पांजलि अर्पित की।सोमवार को लमही में कहीं नाटक का मंचन हो रहा था, कहीं गीत-संगीत और कहीं चर्चा परिचर्चा जारी थी। मेले जैसा माहौल था। सुबह से लेकर शाम छह बजे तक सांस्कृतिक और नाट्य मंचन मिलाकर कुल 11 कार्यक्रम हुए। मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानियों पर आधारित नाट्य मंचन ने उनकी स्मृतियों को जीवंत किया। लोक गायिका आराधना सिंह ने घेरले बा कारी बदरिया.., जब से चढ़ल बा सवनवा… आदि कजरी की प्रस्तुति दी। प्रेमचंद स्मारक में विद्वानों को स्मृति चिह्न और अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।उधर रामलीला मैदान पर कार्यक्रम की शुरुआत कठपुतली नृत्य से हुई। इसके बाद विद्यालय के बच्चों ने प्रेमचंद के गलियारे से… कजरी पेश किया। विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने पंच परमेश्वर, मंत्र, बड़े घर की बेटी,हाय रे पानी, मंत्र, दुनिया का मेला और बड़े भाई साहब नाटक का मंचन किया। लोक गायक महेंद्र सिंह यादव व उनके साथियों ने भोजपुरी भाषा में लोक गीत और बिरहा की प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि प्रो. अवधेश प्रधान ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद एक विलक्षण रचनाकार थे। समय और परिवेश को आत्मसात कर अपनी लेखनी में उकेरने वाले जन लेखक थे। मुंशी प्रेमचंद मित्र क्लब के सदस्यों ने पदयात्रा निकाली। ब्लॉक प्रमुख हरहुआ विनोद उपाध्याय ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से जागरूकता फैलती है। कार्यक्रम का संयोजन क्षेत्रीय सांस्कृतिक अधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र यादव और संचालन मीनाक्षी दीक्षित व डॉ. सुजीत कुमार चौबे ने किया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष व एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, पार्षद अनीता सिंह, पूर्व ग्राम प्रधान संतोष सिंह, प्रो. राम सुधार सिंह, प्रो. श्रद्धानंद, डॉ. हिमांशु उपाध्याय मौजूद रहे।मुंशी प्रेमचंद स्मारक सोसाइटी की ओर से लमही के लाल को श्रद्धांजलि दी। योगेंद्र शर्मा, चंद्रभाल सुकुमार, दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। उधर कायस्थ महासभा ने भी राकेश श्रीवास्वत के नेतृत्व में कथा सम्राट को नमन किया।सर्वसेवासंघ ने बांटे पर्चे: सर्व सेवा संघ ने मुंशी प्रेमचंद को याद करते हुए उनके गांव में पर्चा बांटा और लोगों से हस्ताक्षर करवाया।घूम-घूम कर लोगों को बताया कि सामाजिक सरोकार वाली बची हुई किताबों को सर्व सेवा संघ ने सहेज कर सीमित मात्रा में यहां वितरित किया। इस दौरान अजय, रोशन, नंदलाल मास्टर, धनंजय त्रिपाठी, फादर आनंद, जागृति राही, अनूप श्रमिक, राम धीरज मौजूद थे।