आरपीएफ जवान चेतन के दिमाग में इतना अधिक हिन्दू मुस्लिम भरा हुआ था कि चार खून करने के बाद जब उसे पकड़ा गया तो उसके बाद भी वह मुसलमानों को गाली देने लगा पुलिस के मुताबिक ट्रेन में चार खून करने के बाद आरोपी एक सीट पर बैठ गया और बंदूक रखकर मुसलमानों को बुरा भला कहने लगा। उसने यह भी कहा कि सारी बातें फोन में रिकॉर्ड कर लो।एएसआई मीणा की तो कोई गलती ही नहीं थी वो तो उसे समझा ही रहा था कि इतने में ही उसे गोली मार दी। सैफुल्लाह अपने परिवार के साथ हैदराबाद के नामपल्ली के बाजार घाट इलाके में रहता था. कथित तौर पर उसकी एक मोबाइल फोन की रिपेयरिंग की दुकान थी और वह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था. सैफुल्लाह के परिवार में उनकी पत्नी और 6 साल, 2 साल और 6 महीने की तीन बेटियां हैं.उससे साथ गए शख्स जफर खान के रिश्तेदार ने बताया कि वे (खान और सैफुल्लाह) अपनी बर्थ पर बैठे थे, जब चेतन उनके बी 2 कोच में घुस गया और सैफुल्लाह का नाम पूछा. रिश्तेदार ने कहा, “जैसे ही सैफुल्लाह ने अपना नाम बताया, आरपीएफ कांस्टेबल ने बंदूक की नोक पर उसे अपने साथ चलने के लिए मजबूर किया.” उन्होंने कहा कि जब खान ने विरोध किया तो सिंह ने उन पर बंदूक तान दी. इसके बाद कथित तौर पर सैफुल्लाह को पेंट्री कार में ले जाया गया, जहां उसे गोली मार दी गई.दूसरे मुस्लिम मृतक का नाम मो. असगर है वो बेहतर नौकरी की तलाश में जयपुर से मुंबई जा रहे थे. असगर एक साल से जयपुर में अपने पूरे परिवार के साथ रहकर चूड़ी की फैक्ट्री में काम करते थे. इसी आमदनी से उनका घर चलता था. पत्नी के अलावा चार बेटियां और एक बेटा है. बच्चों की उम्र 3 साल से 14 साल के बीच है।तीसरे शख्स बोहरा समुदाय से थे उनका नाम अब्दुल कादिरभाई मुहम्मद हुसैन भानपुरवाला था उनकी उम्र 62 साल थी.वो महाराष्ट्र के पालघर के रहने वाले थे.MP के मंदसौर जिले के भानपुरा मोहर्रम के लिएआए थे कादर भाई भवानी मंडी से मुंबई के लिए जा रहे थे।चेतन की इनसे किसी भी तरह की रंजिश नहीं थी तीनों को अलग अलग पॉइंट आउट कर उसने अपनी गोली का शिकार बनाया।