बाराबंकी- संभल की घटना को लेकर कांग्रेसियों ने सपा सुप्रीमों की तर्ज पर भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकार पर पूर्व सांसद डॉ पी.एल. पुनिया ने जमकर निशाना साधते हुए योगी सरकार को असंवैधानिक तरीके से हिटलरी होने का आरोप ही नहीं लगाया बल्कि सुप्रीमकोर्ट तक को संसद द्वारा पारित कानूनों की उपेक्षा कर सरकार को मनमर्जी करने देने क् आरोप लगाया। यह अलग बात है कि अवमानना पर सवाल खड़ा करने पर उससे किनारा करते नजर आए। वहीं यह तक कहने से नहीं चूके कि प्रेस वार्ता है कोई वाद विवाद को लेकर कार्यक्रम नहीं है। ऐसे में इमरजेंसी को लेकर भी संविधान की हत्या पर सवाल करने का किसी पत्रकार को साहस नहीं हुआ। वहीं प्रदेश में चुनाव में अप्रत्याशित जीत पर ईवीएम पर मक्खनबाजी में सवाल कर रहे किसी कलमकार में झारखंड पर सवाल खड़ी करने की हिम्मत नहीं हुई। वहीं कुृछ पत्रकारों ने काशी विश्वनाथ मंदिर व संभल में घटना को लेकर नरसिम्हा राव सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों पर यथा स्थिति वाले मुस्लिम तुष्टिकरण पर आधारित कानून जो स्वयं ही अम्बेडकर द्वारा बनाए संविधान पर कहीं बाजिब नहीं ठहरता, को लेकर सवाल खड़े किए।
बताते चले पूर्व सांसद डॉ पीएल पुनिया ने प्रेस वार्ता करते हुए संभल की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह घटना योगी सरकार के माथे पर बदनुमा दाग है। इस दुर्भाग्यपूर्णं घटना से साबित हो गया है कि, प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है और उत्तर प्रदेश सरकार आम जनता विशेषकर कमजोर वर्गों की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। इस सरकार में बैठे लोगों ने इस घटना को अंजाम देने का काम किया ह। जब एक बार सर्वे हो चुका था तो दोबारा सर्वे की क्या जरूरत थी। विगत लोकसभा के चुनाव में राहुल जी की अगुवाई में जो इण्डिया गठबन्धन की विजय मुहिम की शुरूआत हुई थी उससे भाजपा को एहसास हुआ कि, अब हमारा खेल खत्म हुआ इसलिए संभल जैसी सुनियोजित घटना का अंजाम भाजपा के लोग कर रही है। डाॅ पीएम पुनिया ने कहा कि प्रदेश की आवाम को ऐसी ताकतों से अलग हो जाना चाहिए।
मौके पर डॉ पी.एल पुनिया, जिलाध्यक्ष मो.मोहसिन रजा, नगर अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार फोटोवाला व कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता सरजू शर्मा मौजूद रहे।