रामसनेहीघाट, बाराबंकी- पुलिस प्रशासन की खाओ नीति से बेलगाम हुए दबंग आए दिन उपद्रव कर रहे हैं। जिसमें चाहे भ्रष्टाचार का फायदा उठा लोगों को मारने पीटने का मामला हो या किसी साध्वी को देवाॅ के वायरल मामले की तरह प्रत्याड़ित करने का हो या फिर पुलिस प्रशासन द्वारा हटाए गए अतिक्रमण को पुनः बाधित करने का मामला हो हर जगह आम लोगों के लिए लचर प्रशासन मुश्किले खड़ा कर रहा है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण रामसनेहीघाट में नजर आया। जिसमें पुलिस व राजस्व विभाग की संयुक्त कार्रवाई में सार्वजनिक रास्ते से हटवाये गये अतिक्रमित को दबंगों द्वारा पुनः कब्जा कर बाधित करने वाले स्पष्ट नजर आ रहा है।
बताते चलें कि प्राप्त जानकारी अनुसार रामसनेहीघाट कोतवाली के ग्राम पूरे शुक्लन मजरे हथाँधा निवासी रामलाल पुत्र द्वारिका प्रसाद निवासी ग्राम पूरे शुक्लन के घर आने जाने एक कच्चा रास्ता था जिसे ललित नरायन व रामनरायन निवासी ग्रामवासी द्वारा गोबर डालकर व बांस बाँधकर रास्ता अवरूद्ध कर दिया था तथा साथ ही एक अन्य दबंग ननकू व सती प्रसाद द्वारा बांस बाँधकर रास्ता बन्द कर दिया गया था उसे राजस्व टीम व पुलिस टीम द्वारा मौके पर जाकर 05 फिट चैड़ा रास्ता गोबर हटवा कर खुलवाया था। लेकिन कार्यशैली अगर दोषपूर्ण हो सुविधा शुल्क बदौलत सब कुछ संभव वाली बात हाजिर नाजिर हो तो दबंग क्या कोई भी धन्ना सेठ जिसकी लाठी उसकी भैंस की तर्ज पर कुछ भी करवा सकता है। जैसा इस मामले मे ंसामने आया कि घरौनी में दर्ज रास्ता को फर्जी दीवानी का झूठा मुकदमा पीड़ितों के बताए अनुसार आरोपी दबंगो द्वारा डालकर बिना कोई फैसला आए मार्ग को पुनः बाधित कर दिया गया। जबकि सुप्रीमकार्ट सहित कोई कानून रास्ता बाधित करने की आजादी नहीं देता जिससे दूसरों को कष्ट हो या अधिकार बाधित हो। लेकिन समक्ष आए मामले में उसी रास्ते पर विपक्षीजनों द्वारा फर्जी दीवानी न्यायालय पर मुकदमा कर पुनः रास्ते में गोबर डालते हुए बॉस बाँधकर रास्ता पूरी तरह से बन्द कर दिया है। रास्ता जो घरौनी में भी दर्ज है इसकी पुष्टि लेखपाल द्वारा भी की जा चुकी है।
पीड़ितों ने मामले में आंदोलित होते हुए जिला प्रशासन से मांग करते हुए अल्टिमेटम दिया है कि प्रकरण का संज्ञान लेते हुए तत्काल घर जाने वाले रास्ते से विपक्षीजन का अवैध कब्जा हटवाते हुए उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाए। अतिक्रमण 02 दिन के अन्दर नहीं हटने पर पीडित आत्म दाह के लिए मजबूर होगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी विपक्षी एवं सम्बन्धित विभाग की होगी।
शिकायती पत्र को गंभीरता से लेते हुए तहसील प्रशासन द्वारा गठित राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम आज मौके पर पहुंची। जिसमें नायब तहसीलदार उमेश द्विवेदी लेखपाल गायत्री जयसवाल चैकी प्रभारी शशिकांत सिंह मय हमराहियों के साथ मौके पर गये और पूरा निरीक्षण किया। तथा मामला मा. न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई भी दखल नहीं किया गया। साथ ही मौके पर शांति व्यवस्था व्यवस्थित बनाए रखने के लिए शक्त हिदायत दी गई है।
नायब तहसीलदार श्री द्विवेदी ने कहा है कि किसी प्रकार से कोई भी दखल नहीं होना चाहिए न्यायालय के सम्मान में न्यायालय का इंतजार करना होगा।