कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ चल रही है जो इस वक्त मध्य प्रदेश में है. इस यात्रा में पार्टी महासचिव और उनकी बहन प्रियंका गांधी का साथ राहुल को मिला है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्यप्रदेश में यात्रा 23 नवंबर को बुरहानपुर जिले से दाखिल हुई थी. यह यात्रा चार दिसंबर को राजस्थान में दाखिल होने से पहले, 12 दिन के भीतर पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में 380 किलोमीटर का फासला तय करेगी. इस बीच कांग्रेस के लिए प्रदेश से बुरी खबर सामने आयी है.
दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस को झटका देते हुए पार्टी के प्रदेश मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी नरेंद्र सलूजा ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है. उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सरकारी आवास पर सलूजा का भाजपा में स्वागत किया. इस मौके पर वन मंत्री विजय शाह और प्रदेश भाजपा के मीडिया विभाग के प्रभारी लोकेंद्र पाराशर भी सीएम आवास में नजर आये.
नरेंद्र सलूजा ने क्यों छोड़ी कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष नरेंद्र सलूजा ने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में आरोपों का सामना कर रहे मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को इस महीने की शुरुआत में इंदौर में सम्मानित किये गये. इसके बाद इस बात को लेकर सिख समुदाय के सदस्यों द्वारा उठाये गये सवालों के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है.
क्यों विवाद हुआ पैदा
यहां चर्चा कर दें कि इंदौर के खालसा स्टेडियम में गुरु नानक जयंती के अवसर पर आठ नवंबर को आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में आयोजकों द्वारा कमलनाथ को सम्मानित किया गया जिसके बाद विवाद पैदा हो गया था. कमलनाथ के कार्यक्रम स्थल से जाने के बाद मशहूर कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की ओर स्पष्ट इशारा किया था और कांग्रेस नेता को आमंत्रित करने के लिए आयोजकों पर तीखे शब्दों में मंच से नाराजगी जताई थी.