वैश्विक मंदी का आशंका के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत दिख रहे हैं. नवंबर माह में ऑटो सेक्टर में मांग में तेजी रही, जिससे खुदरा बिक्री में जोरदार उछाल आया है. वाहनों के पंजीयन में भी विशेष तेजी रही है. वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) के आंकड़ों के अनुसार नवंबर में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री 26% बढ़ कर 23,80,465 इकाई रही. नंवबर, 2021 में यह 18,93,647 इकाई रही थी.यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 21% बढ़ कर 3,00,922 इकाई रही है, जो नवंबर 2021 में 2,48,052 इकाई थी. दोपहिया वाहनों की बिक्री में 24% बढ़ कर 18,47,708 इकाई पर पहुंच गया. यह आंकड़ा नवंबर, 2021 में 14,94,797 इकाई रहा था. तिपहिया और ट्रैक्टर की बिक्री में क्रमश: 81% और 57% का उछाल आया
सर्वाधिक खुदरा बिक्री वाला महीना रहा नवंबर
फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, नवंबर 2022, भारतीय वाहन उद्योग के इतिहास में सर्वाधिक खुदरा बिक्री वाला महीना बन गया है. इससे पहले मार्च 2020 एक अपवाद था, जब खुदरा बिक्री बीएस-4 का स्थान बीएस-6 द्वारा लिये जाने के कारण बढ़ी थी. उन्होंने कहा कि त्योहारी मौसम के खत्म होने और विवाह का मौसम शुरू होने से बिक्री में गति बनी हुई है.
वाणिज्यिक वाहनों में सीएनजी का इस्तेमाल घटा : रिपोर्ट
प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी ने चालू वित्त वर्ष में वाणिज्यिक वाहनों में सीएनजी के इस्तेमाल को घटकर 9-10 प्रतिशत रह गया है जबकि पहले यह 16 प्रतिशत था. इक्रा रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ने से पिछले एक साल में सीएनजी के दाम 70 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं. डीजल और सीएनजी के बीच कीमतों का अंतर काफी कम हो गया है, जिससे लोग सीएनजी वाहनों की तरफ बढ़ने से परहेज करने लगे हैं. सीएनजी से चलने वाले वाहनों का कुल वाहनों में हिस्सा भी 38% से घटकर 27% रह गया है.
बिक्री में तेजी के मुख्य कारण
विवाह का मौसम शुरू होना
मॉडलों की बेहतर उपलब्धता
नये वाहनों का बाजार में आना
ग्रामीण इलाकों से मांग बढ़ना