जैसा क़ी नाम से ही स्पष्ट हो जाता है क़ी यह आसन अधोमुख अर्थात शरीर को उल्टा करके वृक्ष आसन किया जाता है। योग का एक उन्नत आसन हैं, इस आसन का संस्कृत में नाम अधो मुखा वृक्षासन हैं, इसमें “अधो” शब्द का अर्थ “नीचे की ओर” और दूसरा शब्द “मुखा” का अर्थ “चेहरा” हैं, और “वृक्ष” का अर्थ “पेड़” होता हैं। इसे अंग्रेजी में “हैण्ड स्टैंड पोज़” के नाम से जाना जाता हैं जिसका अर्थ हाथों के बल खड़े होना हैं। इस योग को करने वाले के हाथ नीचे फर्श पर रहते हैं और उसके पैर ऊपर की ओर रहते हैं। इस मुद्रा का उल्लेख एक प्राचीन अप्रकाशित पांडुलिपि “योगासन-जैन” में किया गया है। यह पांडुलिपि एक बहुत ही आधुनिक पाठ है। हैण्ड स्टैंड योग के हमारे शरीर के अनेक प्रकार से लाभदायक हैं। अधो मुखा वृक्षासन (हैण्ड स्टैंड) हाथों पर खड़े होने वाला योग हैं। अधो मुखा वृक्षासन योगासन देखने में आपको बहुत ही कठिन लग सकता हैं। अगर आप किसी योगी से पूछेंगे तो वह बतायेगे की यह आसन काफी डरावना हो सकता हैं, इस आसन को करने के लिए काफी ताकत और संतुलन की आवश्यकता होती हैं। खुद को उल्टा करने के लिए हिम्मत की जरूरत होती हैं पर नियमित रूप से अभ्यास करने से इसे आसानी से किया जा सकता हैं। इस आसन को करने से आपका शरीर फिट रहता हैं। अधो मुखा वृक्षासन आपके शरीर को लचीला बनाता हैं। यह आपकी थकान को दूर करने के लिए एक अच्छा आसन हैं।
अधो मुखा वृक्षासन के लाभ
आंखों के लिए रक्त प्रवाह में सुधार करे : यह आसन आँखों को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा उपचार हैं। हैण्ड स्टैंड पोज़ करने की मुद्रा में जब आप उल्टे होते हैं तो खून आपके सिर में अतिरिक्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व युक्त पदार्थ को भेज देता हैं, यह आपकी आँखों में रक्त के प्रवाह को बढ़ा देता हैं। यह आसन मैक्युलर डीजेनेरेशन और आँखों से संबंधित कई प्रकार की समस्या को खत्म करने में मदद करता हैं।
ऊपरी शरीर को मजबूत करने में :
हैण्ड स्टैंड पोज़ सिर्फ आपके हाथों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए ही नहीं हैं, यह आपके शरीर के ऊपरी हिस्से को भी मजबूत करने के लिए बहुत भी अच्छा आसन हैं। यह मुख्यतः हाथों को और कन्धों को मजबूत करता हैं। अधो मुखा वृक्षासन को करने में आपके शरीर का सम्पूर्ण भार आपके हाथों के साथ आपके ऊपरी हिस्से पर आ जाता हैं जिससें वो मजबूत होने लगते हैं। इससे आपकी हाथों की कलाई भी मजबूत होती हैं।
ध्यान को केन्द्रित करने में मदद :
जब आप इस हैण्ड स्टैंड पोज़ को करने के लिए उल्टे होते हैं, तो आपके मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता हैं। यह मानसिक कार्य को बेहतर करने में मदद करता हैं। अधो मुखा वृक्षासन को करने से ध्यान केन्द्रित करने में मदद मिलती हैं। हैण्ड स्टैंड पोज़ भय और चिंता को कम करता हैं और इसके साथ यह दिमाग को तेज करता हैं।
पाचन शक्ति : इस आसन को करने के लिए आप जब हाथों के बल उल्टे होते हैं तो आपके शरीर पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण भी बदल जाता हैं इसके कारण आपके पेट में फंसे हुए पदार्थो को स्थानांतरित करने में, फंसे हुए गैस को मुक्त करने में और सभी पाचन अंगों में रक्त के प्रवाह में सुधार करने में मदद करता हैं। इसेक अलावा यह पोषक तत्वों के अवशोषण करने और उसको आपकी कोशिका में भेजने में मदद करता हैं।
तनाव दूर करने में लाभदायक : हैण्ड स्टैंड पोज़ एक शीतलन मुद्रा के रूप में जानी जाती हैं, यह आपके ध्यान को तो केन्द्रित करता हैं साथ में यह आपके तनाव को भी कम कर देता हैं। यदि आप चिंता, तनाव, भय या व्यर्थ के चिंताजनक विचार कर रहे हैं तो यह मुद्रा बेहद उपयोगी है। अधो मुखा वृक्षासन तनाव में राहत के लिए आपके पास एक अच्छा नुस्खा है।
यह पेट को कम करने और और छाती को फैलाता हैं।
सिर और खोपड़ी के लिए रक्त प्रवाह बढ़ाता है।
मसक्यूलोस्केलेटल स्वस्थ को बढ़ता हैं।
यह एड्रिनल ग्रंथि को साफ करने में मदद करती हैं।
यह कोर (core) मांसपेशियों को मजबूत करता हैं।
लिम्फेटिक सिस्टम को उत्तेजित करता हैं।
अधो मुखा वृक्षासन क़ी विधि
इस योग को करने के लिए आप किसी मित्र या योग शिक्षक का सहारा ले सकते हैं जो आपके पैरों को पकड़ने में सहायता कर सकें। इससे आपको हैण्ड स्टैंड पोज़ करने में आसानी होगी।
अगर आप योग में नये हैं और अभी-अभी योग को करने की शुरुआत कर रहें हैं तो इस योगासन को करने की सरल और आसान विधि से आप इसे सरलतापूर्वक कर सकते है
अधो मुखा वृक्षासन करने के लिए आप सबसे पहले साफ शांत और समतल स्थान पर एक स्वच्छ आसन को लेके उसे किसी दीवार के पास बिछा लें।
अब आप दीवार की ओर पैर करके मार्जरासन में बैठ जाएं।
ध्यान रखें कि इस स्थिति में आपके पैर दीवार को स्पर्श करने चाहिए।
अपने दोनों हाथों को थोड़ा दूर-दूर रखें जिससे संतुलन बनाने में कठिनाई ना हों।
इसके बाद अपने दोनों घुटनों को फर्श से ऊपर करें और पैरों को सीधा करें। इस स्थिति में आप अधोमुख श्वानासन के समान दिखाई देगें।
अब अपने दाएं पैर को दीवार पर हिप्स की ऊंचाई पर रखें और उससे दीवार पर धक्का लगायें।
पुनः यह क्रिया अपने बाएं पैर के साथ करें।
इस स्थिति में आपके दोनों पैर दीवार पर हिप्स के समान्तर होंगे। इसमें आप एक उल्टे L के समान दिखाई देगें।
L की स्थिति में रह के कम से कम 5 से 8 बार साँस लें।
धीरे-धीरे करके दोनों पैरों को दीवार पर ऊँचा करते जाएं।
अब अपने दोनों पैरों को दीवार के सहारे सीधा कर लें।
इससे आपके दोनों हाथों पर शरीर का सम्पूर्ण भार आ जायेगा।
आप इस आसन में कुछ दिन तक अभ्यास करें जिससे आप आगे की क्रिया को करने में सक्षम हो सकें।
अब अपने हाथों पर पूरे शरीर का संतुलन बनायें और पैरों को दीवार से हटा के सीधा करें।
धीरे धीरे आभ्यास से आप शरीर को सीधा करने का प्रयास करें और फिर अनुकूल समय पर दीवार का सहारा छोड़कर अपने हाथो के सहारे ही शरीर का वजन संतुलन रखे ।
इस प्रकार अधो मुखा वृक्षासन करें
अधो मुखा वृक्षासन में सावधानियां
योग एक उच्च श्रेणी का आसन हैं सभी लोग इस आसन को आसानी से नहीं कर पाते हैं कुछ लोगों के लिए यह कठिन भी हो सकता हैं। इस आसन को करने से पहले आप नीचे दिए गए कुछ योग के आसन को करें जिससे अधो मुखा वृक्षासन आसन को करने में आसानी होती हैं-
सेतुबंधासन
बकासन
मयूरासन
शीर्षासन
सर्वांगासन
तीव्र ज्वर रक्तचाप क़ी समस्या होने पर आसन ना करें
अगर आपको पीठ में दर्द हैं तो आप इस आसन को ना करें।
अगर आप हाथ य़ा कन्धों के दर्द से परेशान हैं तो आप इस आसन को ना करें।
गर्भवती महिलाएं इस आसन को न करें या करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
गर्दन दर्द और सिर दर्द में आप इस अभ्यास को ना करें।
हाल ही में हुई सर्जरी के रोगी इस आसन को ना करें।