बसपा प्रमुख मायावती ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर उपजी परिस्थिति के लिए योगी सरकार के साथ-साथ पूर्व की सरकारों को भी घेरा है।बसपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में मायावती ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को आरक्षण विरोधी पार्टियां बताया। कहा, दोनों ने मिलकर एससी व एसटी वर्ग के आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को लगभग निष्प्रभावी बना दिया है। अब वैसा ही द्वेषपूर्ण रवैया ओबीसी वर्ग के आरक्षण के साथ भी किया जा रहा है। इस मामले में सपा की सोच, नीति और नीयत भी ठीक नहीं है।इस मौके पर मायावती ने नए वर्ष में नई उमंग के साथ पार्टी के जनाधार को गांव-गांव में बढ़ाने का टास्क भी कार्यकर्ताओं को सौंपा।मायावती ने निकाय चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा की नीति अगर निकाय चुनाव को समय पर कराने की होती तो वह धर्मांतरण, हेट स्पीच, मदरसा सर्वे में समय बर्बाद करने के बजाए ओबीसी आरक्षण पर अपना ध्यान केंद्रित करती और ऐसी विचित्र स्थिति पैदा नहीं होती।मायावती ने कहा कि सरकार की कथनी व करनी में अंतर है। लोग थोड़े अच्छे दिन के लिए तरस गए हैं। सरकारी वादे व घोषणाएं अब उन्हें चुभने लगी हैं। कर्नाटक व महाराष्ट्र सीमा विवाद का जिक्र करते हुए मायावती ने केंद्र सरकार पर तंज कसा। कहा, आंतरिक सीमा विवाद का समाधान तो सरकार निकाल नहीं पा रही है, अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद का क्या होगा।