मसौली, बाराबंकी। कस्बा मसौली स्थित मदरसा वारसिया नुरुल उलूम में जश्ने दस्तारबन्दी प्रोग्राम में कुरान हिफ्ज करने वाले 21 बच्चों की पगड़ी बांधी गयी।
कार्यक्रम की शुरुवात कारी मो0 फैजान के तिलावत कुरान शरीफ से हुई। जलसे के मेहमाने खुशुशी मुफ्ती शमसुद्दीन ने बच्चों को नसीहत करते हुए कहा कि वर्तमान हालात के तकाजों को समझते हुए आप लोग दीनी तालीम की रोशनी मजहब ए इस्लाम का पैगाम पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम करें। मौलाना फैजान, मिसबाहुद्दीन व कारी जलालुद्दीन ने इल्म की जरूरत पर रोशनी डालते हुए अपने बयान प्रस्तुत किये।
जलसे में शिरकत करने आये शायरों ने अपने अपने कलाम पढ़कर पूरी रात समा बांध दी। शायर कौसर तसमीन सुल्तानपुरी ने पढ़ाष् बात दो जमाने को तसमीन व कौसर , कि हम लोग पढ़ते है क्यों नाते सरवर।
कारी इकरारूदुद्दीन बस्तवी ने पढ़ा ष् कोई बाकी गुल रह न जायेगा न चमन रह जायेगा,पर रसूआल्लाह का दीने हसन रह जायेगाष् मुमताज टांडवी में पढ़ा कलम उठाऊं तो मिसरा नबी नबी बोले पर लोग झूम उठे और नारे तक्बीर अल्लाह अकबर से पिण्डाल गूंज उठा।
कार्यक्रम में सदर मुदर्रिस ने उलमाओं की मौजूदगी में महफिल के सामने सभी 21 हाफिजों को सनद के साथ दस्तार पेश की।सभी हाजरीने महफिल का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर मदरसे के सदर मो आरिफ वारसी, नायाब सदर हाफिज नियाज, मो अशफाक, हाफिज अकील, मास्टर मो0 सलमान सहित अन्य लोग मौजूद रहे।