बाराबंकी। भारतीय संविधान हमारी न्यायिक प्रणाली का है सुरक्षा कवच, कुलपति ने किया टी.आर.सी. लॉ कॉलेज में तीन दिवसीय राष्ट्रीय मूटकोर्ट प्रतियोगिता का शुभारम्भ। गुरूवार को सतरिख स्थित टीआरसी लॉ कॉलेज में तीन दिवसीय राष्ट्रीय मूटकोर्ट प्रतियोगिता का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रो. (डा.) प्रतिभा गोयल कुलपति डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या एवं विशिष्ट अतिथि अवध विश्वविद्यालय विधि संकाय के डीन प्रो. (डा) अशोक कुमार राय ने संयुक्त रूप से माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रभात सुगम संगीत बहार की टीम ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। प्रबन्धक डा. सुजीत चतुर्वेदी ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का अपने सम्बोधन के माध्यम से स्वागत किया। साथ साथ प्रतिभागियों को वैज्ञानिक डार्विन के सिद्धान्त योग्यतम की उत्तरजीविता पर प्रकाश डालकर नवाचार के लिए उत्साहवर्धन किया।
तीन दिवसीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र में देश के 14 विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्रतिभाग करने वाली टीमों के छात्र छात्राओं को मूटकोर्ट की उपयोगिता तथा न्यायिक प्रासंगिकता के बारे में बताया गया।
शुभारम्भ अवसर पर विधि छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. गोयल ने कहा कि भारतीय संविधान हमारी न्यायिक प्रणाली का सुरक्षा कवच है, जो नागरिकों को ढेर सारे अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष, प्रतिमाह, यहां तक की प्रतिदिन हमारे सामने नई नई चुनौतियां हैं जिसके प्रति हमे सजग रहना होगा, तभी हम समय के साथ चल पाएंगे। उन्होंने मनु स्मृति, नारद स्मृति, बृहस्पति स्मृति के प्रावधानों की वर्तमान परिस्थितियों में प्रासंगिकता का उल्लेख करते हुए प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि प्रो. राय ने हेरोल्ड जोसेफ लास्की की पुस्तक ग्रामर आफ द पालिटिक्स के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए बताया कि न्यायिक प्रणाली का सशक्त होना अतिआवश्यक है। लोकतंत्र तभी तक सम्भव है जब तक न्यायिक प्रणाली सशक्त और प्रभावी रहेगी। प्रो. राय ने ‘‘यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना होता है। किसी ने पूछा चिड़िया से, कैसे बना आशियाना, बोली भरनी पड़ती है उड़ान बार बार, तिनका तिनका उठाना होता है’’ कविता पढ़कर प्रतिभागियों को प्रेरित किया। साकेत पीजी कॉलेज, अयोध्या विधि विभाग के प्रो. अजय कुमार सिंह ने मूटकोर्ट की उपयोगिता एवं उसकी महत्ता बताई तथा डा. एपीजे अब्दुल कलाम के कथन सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, बल्कि सपने वह होते हैं जो हमें सोने नहीं देते सुनाकर प्रेरित किया।
विधि महाविद्यालय प्राचार्य डा. अश्वनी कुमार गुप्ता ने सभी लोगों को आभार ज्ञापित करते हुए सम्बोधित किया तत्पश्चात् विधि महाविद्यालय के प्रवक्ताओं ने मुख्य अतिथि, विशिष्टि अतिथि सहित अन्य गणमान्य लोगों को बुके एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में सभी प्रतिभागियों कोर्ट में उपस्थित जजों के सम्मुख पूर्व निर्धारित विषय पर बहस किया जिसके आधार पर कुल आठ टीम चयनित हुईं, जो आज शुक्रवार को क्वार्टर एवं सेमीफाइनल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगीं। इस अवसर पर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रदीप सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह, सीबीसिंह लॉ कॉलेज, अम्बेडकर नगर के प्राचार्य डा. उदय प्रताप सिंह, ग्राम्यांचल विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अजय तिवारी, जस्टिस लॉ कॉलेज के प्राचार्य डा. अविनाश मिश्रा, केएनआईपीएसएस के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष डा. वीपी सिंह, मूट कोर्ट कोऑर्डिनेटर नवीन सिंह, प्रवक्ता वीर विक्रम सिंह, मंजय यादव, दीपमाला श्रीवास्तव, रोहिणी त्रिपाठी, धर्मेन्द्र कुमार सहित समस्त प्रवक्तागण एवं छात्र छात्राएं उपस्थित
तीन दिवसीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र में देश के 14 विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्रतिभाग करने वाली टीमों के छात्र छात्राओं को मूटकोर्ट की उपयोगिता तथा न्यायिक प्रासंगिकता के बारे में बताया गया।
शुभारम्भ अवसर पर विधि छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. गोयल ने कहा कि भारतीय संविधान हमारी न्यायिक प्रणाली का सुरक्षा कवच है, जो नागरिकों को ढेर सारे अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष, प्रतिमाह, यहां तक की प्रतिदिन हमारे सामने नई नई चुनौतियां हैं जिसके प्रति हमे सजग रहना होगा, तभी हम समय के साथ चल पाएंगे। उन्होंने मनु स्मृति, नारद स्मृति, बृहस्पति स्मृति के प्रावधानों की वर्तमान परिस्थितियों में प्रासंगिकता का उल्लेख करते हुए प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि प्रो. राय ने हेरोल्ड जोसेफ लास्की की पुस्तक ग्रामर आफ द पालिटिक्स के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए बताया कि न्यायिक प्रणाली का सशक्त होना अतिआवश्यक है। लोकतंत्र तभी तक सम्भव है जब तक न्यायिक प्रणाली सशक्त और प्रभावी रहेगी। प्रो. राय ने ‘‘यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना होता है। किसी ने पूछा चिड़िया से, कैसे बना आशियाना, बोली भरनी पड़ती है उड़ान बार बार, तिनका तिनका उठाना होता है’’ कविता पढ़कर प्रतिभागियों को प्रेरित किया। साकेत पीजी कॉलेज, अयोध्या विधि विभाग के प्रो. अजय कुमार सिंह ने मूटकोर्ट की उपयोगिता एवं उसकी महत्ता बताई तथा डा. एपीजे अब्दुल कलाम के कथन सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, बल्कि सपने वह होते हैं जो हमें सोने नहीं देते सुनाकर प्रेरित किया।
विधि महाविद्यालय प्राचार्य डा. अश्वनी कुमार गुप्ता ने सभी लोगों को आभार ज्ञापित करते हुए सम्बोधित किया तत्पश्चात् विधि महाविद्यालय के प्रवक्ताओं ने मुख्य अतिथि, विशिष्टि अतिथि सहित अन्य गणमान्य लोगों को बुके एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में सभी प्रतिभागियों कोर्ट में उपस्थित जजों के सम्मुख पूर्व निर्धारित विषय पर बहस किया जिसके आधार पर कुल आठ टीम चयनित हुईं, जो आज शुक्रवार को क्वार्टर एवं सेमीफाइनल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगीं। इस अवसर पर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रदीप सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह, सीबीसिंह लॉ कॉलेज, अम्बेडकर नगर के प्राचार्य डा. उदय प्रताप सिंह, ग्राम्यांचल विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अजय तिवारी, जस्टिस लॉ कॉलेज के प्राचार्य डा. अविनाश मिश्रा, केएनआईपीएसएस के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष डा. वीपी सिंह, मूट कोर्ट कोऑर्डिनेटर नवीन सिंह, प्रवक्ता वीर विक्रम सिंह, मंजय यादव, दीपमाला श्रीवास्तव, रोहिणी त्रिपाठी, धर्मेन्द्र कुमार सहित समस्त प्रवक्तागण एवं छात्र छात्राएं उपस्थित
Author: cnindia
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