इनके साथ साजिश करके हमेशा के लिए कुश्ती से बाहर कर दिया गया। इनके समर्थन में कोई खिलाड़ी, नेता नहीं खड़ा हुआ था। उम्मीद करता हूं, जो खिलाड़ी धरने पर हैं। ऐसे मुद्दों पर जरूर लिखेंगे। किसी ने लिखा है, आप सबसे शेयर कर रहा हूं।नरसिंह यादव का नाम सुना है? कॉमनवेल्थ गेम्स का गोल्ड मेडलिस्ट था। एक अच्छा पहलवान था, अपने यूथ और केरियर के पीक पे था, ओलंपिक खेलने जा रहा था लेकिन उसके साथ इसी पहलवानों के गुटबाजी ने शिकार कर लिया। सुशील कुमार उसमें राजनीति कर रहा था। नरसिंह ने मोदी जी से गुहार लगाई तो मोदी जी ने उसको आगे बढ़ा दिया लेकिन पीछे से पहलवानों ने डोप टेस्ट से ठीक पहले उसके खाने में कुछ मिला दिया। ओलंपिक विजेता योगेश्वर दत्त ने खुल कर उसे कहा था की हरियाणा में प्रेक्टिस करने ना जाए वर्ना कैरियर चौपट हो जायेगा और वही हुआ।खैर, सारे सुबूतों आरोपों के बाद भी उस प्रकरण पे ना FIR हुई न जांच हुई और एक भविष्य के विश्व स्तरीय खिलाड़ी का कैरियर मिट्टी में मिल गया। ना कोई साथी पहलवान सपोर्ट में आया ना फेडरेशन, ना सिस्टम न कोई राजनेता। बाद में सुशील कुमार हिंसा के केस में जेल चला गया और पता चला की वो सच में क्रिमिनल टाइप बंदा था।भाजपा समर्थकों का कहना है की आज पहलवानों का गुट आपस में भिड़ गया है। बजरंग पुनियां , संगीता फोगाट का पति है, बबिता और गीता फोगाट उसकी सालियां हैं, तो प्रोटेस्ट की आधी जनसंख्या तो इनका ही आधा कुनबा है। बाकी साक्षी मालिक भी सजाती हैं। जब एक अन्याय पर आप चुप हो जाते हैं तो दूसरे अन्याय पर लोग आपका साथ कैसे देंगे। शुक्र मनाइए की लोगों में मानवता है वर्ना आपका पुराना रवैया कतई मानवता वाला नही है।