गौरीगंज। जब से केंद्र सरकार ने 2000 रुपये के नोट बदलने की गाइडलाइन जारी की है, तब से दुकानदारों की दिक्कत बढ़ गई है। 50 और 100 रुपये की खरीदारी के लिए भी लोग गुलाबी नोट दुकानदार को पकड़ा देते हैं। इससे रिटेल कारोबारियों की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है।सरकार के दो हजार के नोट के संदर्भ में जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उसके चलते फुटकर दुकानदारों का सिर दर्द बढ़ गया है। इस समय ज्यादातर ग्राहक बड़ी नोट दे रहे हैं। सौ-पचास रुपये के सामान खरीदने पर भी ग्राहक दुकानदार को दो हजार की नोट पकड़ा रहे हैं। इसके चलते पांच-दस बड़ी नोटों के आने पर दुकानदार के सारे छोटे नोट खत्म हो जा रहे हैं। ग्राहक बैंक जाकर बदलवाने के बजाय अपने रोजमर्रा की फुटकर खरीदारी में दो हजार का नोट दुकानदार को थमा रहे हैं। नोट लेने पर मना करने पर नियम का हवाला देकर ग्राहक नाराज हो रहे हैं। गया प्रसाद मिश्रा व जियालाल जायसवाल ने बताया कि फुटकर की भारी कमी होने से दुकानदार न चाहते हुए भी दो हजार की नोट लेने से मना करने पर मजबूर हैं। बैंकों की ओर से सरकार की मंशा के विपरीत दो हजार के नोटों के बदलने के लिए आईडी प्रूफ के साथ फार्म भरवाया जा रहा है। भारतीय उद्योग किसान व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डीपी गुप्ता ने मांग की है कि प्रशासन सभी बैंकों को निर्देश जारी करे कि वे अपने आसपास के छोटे दुकानदारों को दो हजार की फुटकर देने के लिए अलग से सुविधा प्रदान करें। ताकि बाजार में रोजमर्रा की खरीद फरोख्त में आम जनमानस को कोई असुविधा न हो। अन्यथा दुकानदारों को बेवजह ग्राहकों के रोष का सामना करना पड़ेगा।