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20/09/2024 3:23 am

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सभी धार्मिक कथाओं का निचोड़ है धेनूमानस कि कथा। अजमेर में 14 जून से शुरू।गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा और गौ हत्या पर रोक के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली में धरना।

अजमेर में 20 और 28 जून को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी, जनकपुरी में होंगे धार्मिक आयोजन।
अजमेर के कोटड़ा स्थित बीके कौल नगर के प्राचीन बालवीर हनुमान मंदिर परिसर में 14 से 18 जून तक धेनु मानस गौ कथा हो रही है। यह कथा प्रतिदिन सायं चार बजे से 7 बजे तक होगी। गौ कथा श्री गोपाल मणि की शिष्या श्री नंदिनी सारस्वत करेंगी। कथा वाचक नंदिनी के अजमेर पहुंचने पर मेरी बातचीत हुई। मेरा सवाल रहा कि जब धर्म के क्षेत्र में भागवत, राम कथा आदि हो रही है, तब धेनु मानस गौ कथा क्यों करवाई जा रही है? इस पर नंदिनी सरस्वती ने कहा कि गौ कथा सभी धार्मिक कथाओं का निचोड़ है। इसमें कृष्ण और राम की भक्ति-शक्ति का समावेश है। गौ कथा अब इसलिए महत्व रखती है कि हमें गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलवाना है। सनातन संस्कृति में गौ माता का दर्जा देवी-देवताओं से भी बड़ा है। उन्होंने बताया कि उनके गुरु गोपाल मणि जी लगातार प्रयास कर रहे हैं कि गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा मिले। इसके लिए इसी वर्ष 20 नवंबर को गोपाष्टमी के दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में देश भर के साधु संत और गौ भक्त एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन करेंगे। गौ माता के महत्व को बताने के लिए ही गौ कथाएं हो रही हैं। मनुष्य को यदि सुख शांति चाहिए तो उसे गौ माता की पूजा करनी चाहिए। नंदिनी सरस्वती ने इस बात पर अफसोस जताया कि राम और कृष्ण के देश में आज भी गाय को पशु मानकर काटा जा रहा है। हम चाहते हैं कि गौ हत्या पर कानून बने और गाय को पशु श्रेणी से बाहर निकाला जाए। सनातन संस्कृति के मानने वालों के लिए गाय एक पशु नहीं है। उन्होंने कहा कि गाय की दुर्गति के लिए हिन्दू समाज भी जिम्मेदार है। हिन्दुओं ने अपने घरों में गाय को पालना बंद कर दिया है। यही वजह है कि आज गाय सड़कों पर इधर उधर घूमती है। कुछ लोग गाय को सिर्फ दूध के लिए पालते हैं, जबकि गाय को दूध के लिए नहीं बल्कि पूजन के लिए घर में रखना चाहिए। जिन परिवारों में पर्याप्त स्थान है, वहां गाय का होना जरूरी है। गाय का पालन किसी स्थान पर सामूहिक तौर पर भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अजमेर में 14 से 18 जून के बीच होने वाली धेनु मानस गौ कथा में वे गाय के धार्मिक महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी देंगी। वैज्ञानिक तरीके से यह भी बताया जाएगा कि गाय को रखने से कैसे बीमारियां दूर होती हैं और कैसे मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने शहरवासियों को कथा में आमंत्रित किया है।

जगन्नाथ रथ यात्रा:

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अजमेर में 20 और 28 जून को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्री निकलेगी। रथ यात्रा महोत्सव समिति से जुड़े नरेंद्र कुमार डीडवानियां, संजय कंदोई दिनेश परनामी और प्रहलाद गर्ग ने बताया कि 20 जून को ऋषि घाटी स्थित जगन्नाथ मंदिर से भगवान की रथ यात्रा सायं साढ़े पांच बजे शुरू होगी। यह रथ यात्रा आगरा गेट नया बाजार, गोल प्याऊ चूड़ी बाजार, मदार गेट नला बाजार, दरगाह बाजार, देहली गेट होते हुए जनकपुरी समारोह स्थल पहुंचेगी। जनकपुरी में 28 जून तक अनेक धार्मिक आयोजन होंगे। 28 जून को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा सायं साढ़े पांच बजे जनकपुरी से रवाना होकर ऋषि घाटी स्थित जगदीश मंदिर पहुंचेगी। यात्रा मार्ग में जगह जगह भगवान जगन्नाथ का स्वागत किया जाएगाा। उन्होंने बताया कि 21 जून से 27 जून तक प्रतिदिन सायं छह से सात बजे तक पंडित हरीश चंद्र व्यास द्वारा भगवान जगन्नाथ के बारे में जानकारी दी जाएगी। 21 जून को सायं सात बजे संगीतमय सुंदरकांड का पाठ और भजन होंगे। 22 से 24 जून तक आचार्य नवनीत वशिष्ठ द्वारा विभिन्न देवताओं के चरित्र के बारे में जानकारी दी जाएगी। 25 जून को सायं सात बजे दिल्ली के राजेश लोहिया और लुधियाना की तृप्ति लढ्ढा भजनों की प्रस्तुति देंगे। इसी प्रकार 26 को अनुराग मित्तल (कोटा), संजू शर्मा जयपुर के द्वारा भी भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। 27 जून को सायं सात बजे सुप्रसिद्ध भजन गायक विमल गर्ग भजनों की प्रस्तुति देंगे।

 

 

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Author: cnindia

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