हैदरगढ़, बाराबंकी। तीन जनपदों बाराबंकी, अमेठी व अयोध्या को आपस में जोड़ने वाले इन्हौना- शुकुलबाजार सम्पर्क मार्ग की बदहाली से आवागमन में राहगीरों को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। उक्त मार्ग के नवीनीकरण व निर्माण के लिए पूर्व में क्षेत्रीय भाजपा विधायक दिनेश रावत, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि व जिला पंचायत सदस्य रामदेव सिंह व भाजपा मंडल अध्यक्ष सुबेहा राम सागर मोर्य द्वारा प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद से मिलकर उन्हें एक मांग पत्र भी दिया जा चुका है। इसके अलावा पूर्व राज्यमंत्री जगदीशपुर विधायक सुरेश पासी द्वारा इस खस्ताहाल मार्ग का मुद्दा सदन में भी उठाया जा चुका है। इसके बावजूद भी इस बेहद खस्ताहाल मार्ग के दिन अभी तक नहीं बहुर सके हैं। बताते चले कि इन्हौना- शुकुलबाजार सम्पर्क मार्ग की हालत इन दिनों इतनी दयनीय है कि जो देखते ही बनती है। सड़क पर बड़े – बड़े गड्ढों के बीच राहगीर जान जोखिम में डालकर चलने को मजबूर है। थोड़ी सी बारिश होते ही उन गड्ढे में जल भराव होने से चलने वाले राहगीरों की परेशानियां और ही बढ़ जाती हैं। यहाँ के ग्रामीण बताते हैं कि इस मार्ग की हालत इतनी खराब है कि इन्हौना से शुकुल बाजार तक 15 किलोमीटर का सफर तय करने में करीब डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं। सड़क पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं कि पता ही नहीं चलता है कि सड़क पर गड्ढे है या फिर गड्ढों पर सड़क! दोपहिया वाहनों से इस मार्ग पर सफर करना खतरे से कम नहीं है बारिश होते ही सड़क पर गड्ढों में पानी भर जाता है जिससे परेशानियां और भी बढ़ जाती हैं। बाराबंकी जनपद के साथ अयोध्या व अमेठी को यह मार्ग सीधे जोड़ता है। इस मार्ग पर पड़ने वाले दो प्रमुख कस्बा इन्हौना व शुकुलबुजार के साथ रास्ते में पड़ने वाले करीब पचास से अधिक गाँवों के लोग इसी रास्ते से होकर आवागमन करते है। सबसे ज्यादा परेशानी तो स्कूल आने जाने वाले छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ती है। इन्हौना – शुकुलबाजार संपर्क मार्ग बेहद ही जर्जर व सड़क पर बड़े – बड़े गड्ढे होने की वजह से अब तक यहाँ कई हादसे भी हो चुके है और आये दिन लोग गिरकर चोटिल भी हुआ करते है। इस सबके बावजूद भी जिम्मेदार प्रशासन इस बेहद जर्जर सड़क को लेकर तनिक सा भी गम्भीर नहीं है और उदासीन भरा रवैया बरकरार है। हादसे को दावत देने वाली इस खस्ताहाल सड़क को देखकर लोग साफ कहने लगे है कि इस सड़क पर चलना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है। पिछले काफी समय से यह सड़क मार्ग नवीनीकरण का राह देख रही है, परंतु जिम्मेदार है कि इस ओर ध्यान देना मुनासिब ही नहीं समझ रहे है। परिणामस्वरूप इसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। पूर्व में इस जर्जर सड़क मार्ग के नवीनीकरण कराये जाने के लिए शासन से स्वीकृत मिलने की बात लोक निर्माण विभाग द्वारा कही तो गई, मगर यह सारी कवायद धरी की धरी रह गई। अब तक इस सड़क मार्ग का ना ही तो नवीनीकरण सका है और ना ही राहगीरों को गड्ढों में तब्दील सड़क से निजात मिल सकी है, जिसको लेकर यहाँ के लोगों में गहरा आक्रोश है। यहां के ग्रामीणों ने शासन से आवागमन में हो रही परेशानियों के मद्देनजर अभिलंब इस खस्ताहाल मार्ग के नवीनीकरण एवं निर्माण कराए जाने की मांग की है।