हैदरगढ़, बाराबंकी। बुखार से पीड़ित मरीज को कोई दवा फायदा करते देख सीएचसी चिकित्सकों ने वीडॉल जांच करवाने के लिए कहा। जांच रिपोर्ट में देरी से बचने के लिए बाहर निजी पैथालॉजी से आधे घंटे में दी पॉजिटिव रिपोर्ट पर शक होने पर सीएचसी चिकित्सक ने कराई क्रास जांच तो सामने आया पूरा मामला।
जानकारी अनुसार शनिवार दोपहर 3 बजे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र त्रिवेदीगंज पहुंचे थाना लोनी कटरा के सोनिकपुर गांव निवासी मोहम्मद शुएब पुत्र रईस अली 23 वर्ष एवं कोतवाली हैदरगढ़ के किरसिया बनकोट निवासी शशांक सिंह को डॉक्टर शशिकांत चैधरी ने बुखार के लक्षणों को देखते हुए दोनों रोगियों को सी बी सी, वीडाल व मलेरिया एंटीजन टेस्ट कराने की सलाह दी। जिनको पिछले कई दिनों से उपचार कराये जाने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा था।
बुखार से पीड़ित दोनों युवकों ने बताया कि वह त्रिवेदीगंज में ही सरस्वती जयंती इंटर कॉलेज के सामने स्थित आरआर पैथोलॉजी पहुंचे और जांच कराई। लगभग आधे घंटे बाद पैथोलॉजी संचालक द्वारा रिपोर्ट दे दी गई। जांच रिपोर्ट के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर शशिकांत के पास एक बार फिर दोनों रोगी पहुंचे और रिपोर्ट दिखाई। महज आधे घंटे के अंदर आई जांच रिपोर्ट देखकर डॉक्टर शशिकांत का माथा ठनका और उन्होंने किसी तरह पैथोलॉजी से किट निकलवा कर वीडाल की जांच कराई तो परिणाम एकदम उलट निकले। जहां पैथोलॉजी द्वारा दोनों रोगियों की विडाल जांच पॉजिटिव दिखाई गई थी। वहीं क्रॉस चेक में यह रिपोर्ट निगेटिव आई है।
जब इस संबंध में डॉक्टर शशिकांत चैधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यदि पैथोलॉजी की जांच पर भरोसा करके उन्होंने ट्रीटमेंट शुरू कर दिया होता तो रोगियों के लीवर पर बुरा असर पड़ सकता था।
लेकिन संबंधित पैथालॉजी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई बात सामने नहीं आई जो क्षेत्रीय लोगों के लिए बड़ा सरदर्द व परेशानी खड़ी करने वाली बात है।