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08/10/2024 9:41 pm

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स्थानीय लोगों से भारी टोल को लेकर एक बार फिर हुई मारपीट

-सरकार राजस्व वसूली तो स्थानीय प्रशासन स्वहित में आम स्थानीय जनता के लिए जानबूझकर नहीं ढ़ूंढ़ रहे विकल्प
-अपनी गलती छुपा अपनी बेज्जती पर प्रतिक्रिया को मिलीभगत में गुण्डागर्दी बता रहा स्टाफ
(संजय वर्मा ‘‘पंकज’’/मेवालाल)
जैदपुर, बाराबंकी। हर तरफ से खून चूसने में जुटी सरकार को टोल प्लाजा पर स्थानीय जनता का दर्द समझ में नहीं आ रहा कि 10 किलोमीटर की रेंज में आवागमन टोल के चलते पेट्रौल-डीजल से दो गुना पड़ रहा है। जिसपर भाकियू की तकरार पर जिसकी लाठी उसकी भैंस सिद्धांत पर चल रही व्यवस्था में जिला प्रशासन स्थानीय लोगों के लिए बीच का रास्ता निकालने में लाचारी दिखा रहा तो भाकियू नेताओं कार्यकर्ताओं के लिए व्यवस्था लागू है। ऐसा ही कुछ प्रशासन के नजदीकी रिश्तेदार समान ब्राण्डेड मीडिया कर्मियों के लिए भी है। लेकिन आम मीडिया कर्मियों से लेकर जनता का खून खुलेआम रामराज्य की सरकार में टोल पर चूसे जाने को लेकर कोई व्यवस्था ना होने पर एक बार फिर पूर्व जनप्रतिनिधि का गुस्सा अपने साथ हुई अभद्रता पर फूटा तो पुलिस से लेकर प्रशासन सब जुट गए स्थानीय लोगों का खून चूस रहे टोल कर्मचारियों की वकालत करने में, जिसको लेकर आवाम में काफी आक्रोश है।
पूरा मामला बाराबंकी के लखनऊ अयोध्या हाईवे पर स्थित अहमदपुर टोल प्लाजा से जुड़ा हुआ है। जहां पर अयोध्या की तरफ से भिटरिया के सपा के पूर्व ब्लाॅक प्रमुख दिनेश कुमार सिंह बाराबंकी शहर की तरफ जा रहे थे। जिसमें टोल कर्मचारियों के बताए अनुसार पूर्व प्रमुख की गाड़ी जब टोल प्लाजा के गेट नंबर दो पर पहुंची तो टोल कर्मचारी सुरेंद्र ने दूसरे गेट से गाड़ी ले जाने के लिए कहा जिस पर पूर्व ब्लाक प्रमुख दिनेश कुमार सिंह तैस में आकर उसी टोल गेट से गाड़ी निकालने पर अड़ गए। फिर उन्होंने अपने 5-6 गुण्डे बुला लिए। जिन्होंने मारपीट की।
लेकिन ये बात गले से इसलिए नहीं उतरती है कि मात्र दूसरे गेट पर जाने के लिए बोलने पर जनप्रतिनिधि आखिर क्यों प्रतिवाद करेगा जबतक उसकी मर्यादा का हनन ना हो। सोचने वाली और हाल की घटनाओं पर ध्यान दिया जाए तो परिवार के साथ टोल कर्मचारियों की अभद्रता कई बार सामने आ चुकी है। इस बार मामला स्वाभिमानी से पड़ गया तो जैसी कहानी बनाई गई उसमें केवल टोल कर्मचारियों का पक्ष ही सामने आया। भले ही मामला स्थानीय जनप्रतिनिधि बताकर निकलने पर अपवाद का हो, जैसा वर्तमान मैनेजर का मीडिया कर्मियों के सम्बन्ध में भी सामने आ चुका है।
फिलहाल सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस दोनो पक्षों को थाने पर ले गई है। टोल प्लाजा मैनेजर जितेंद्र बहादुर सिंह ने पूर्व प्रमुख के खिलाफ तहरीर जैदपुर थाने में देते हुए आशुतोष सोनी व सोमेंद्र मिश्रा गंभीर रूप से घायल होने की बात सहित बंदूक की बट से पिटाई का आरोप लगाया है। दोनो जख्मियों को पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल भिजवा दिया है। लेकिन सपा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख का पक्ष सामने नहीं आया जिसपर क्षेत्रीय लोंगों का आरोप है कि प्रशासन समाजवादी पार्टी के लोगों के साथ राजनीतिक विद्वेष में न्याय नहीं कर रही।
इनसेट

स्थानीय लोगों से टोल टैक्स वसूली संवैधानिक कैसे?
बाराबंकी। एक बड़ा सवाल ये है कि सरकार राजमार्गों के खस्ता हाल बावजूद जबरन वसूली कम से कम इण्ट्री की जगह मार्ग से बाहर आते समय करें तो कम से कम 60 किमी पर 100-120 की वसूली लोग एवरेज खराब जान बर्दाश्त कर लेंगे। लेकिन स्थानीय लोगों से वसूली तो अन्याय की पराकाष्ठा है। वो भी केवल लखनऊ अयोध्या मार्ग ही नही बिना डिवाइडर के गोण्डा रोड जैसी सड़क पर भी सहावपुर स्थित टोल प्लाजा पर भी यही सब चालू है। जिसको पूर्व राज्यसभा सांसद पूर्व मुख्य सचिव भी अवैधानिक होने की बात लिखित रुप में तत्कालीन डीएम को देकर इसे बंद कराने को कह भी चुके हैं।
अब ये सब गडकरी से लेकर यशस्वी प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री को जनता का दर्द समझना चाहिए। साथ ही एक बात और अंग्रेजों की 1857 की गदर के बाद लागू व्यवस्था जनता को बुजदिल बनाने की थी, बिना स्वाभिमान व्यक्ति बांग्लादेश के हिन्दू की स्थिति में प्रतिकार भी नहीं कर पाएगा और शेर भी दुनिया में कम बचे है।

दुबई वाले फूफा धोखेबाज निकले तो स्थानीय रिश्तेदार पर वसूली का दांव
-वसूली के फर्जीवाड़ा में कराई प्राथमिकी में 1लाख 10 हजार का बना दिया 3 लाख
-दिए पैसों में किराया व टूरिस्ट बीजा में ही लगे थे 90 हजार
बाराबंकी। सरकार किसी की भलाई के लिए कोई सख्त कानून बनाती है तो शायद ही उसका फायदा किसी पीड़ित हकदार को पटरी से उतरी भ्रष्ट व्यवस्था में मिला हो नहीं तो हर जगह मौके पर चैका मारने के आदी नटवरलाल अपना उल्लू सीधा कर सही सही काम कर रहे लोगों का जीना मुहाल कर देते हैं।
सामने आए मामले में समाजसेवा में मुल्जिम बना नवयुवक उस दिन को कोस रहा है जब उसने अपने रिश्तेदारों के कहने पर टूरिस्ट बीजा के एजेन्ट से अपने रिश्तेदार जनपद बाराबंकी के थाना कोतवाली नगर के मोहल्ला लाइनपुरवा निवासी अहमद हुसैन पुत्र गुलाम मोहम्मद से मिलवाया, जो अपने भांजों जिला अयोध्या के बवां बाजार बावन म. नं. 748 निवासीगण मो.अमान(24), मो.सुहेल(21) पुत्र गण मोबारक अली को दुबई भिजवाना चाहता था जहां उनके फूफा कार्य कर रहे थे और दोनो को काम दिलवाने का वायदा भी किया था। जिसपर एजेंट ने टूरिस्ट बीजा व टिकट को लेकर 1 लाख 10 हजार का खर्चा दिल्ली जाकर बनाकर लाने के खर्चे सहित बताया और बनवा कर दोनो को मार्च 2024 में दुबई भेज भी दिया। अगर टूरिस्ट बीजा की बात में सहमति ना होती तो शिकायत उसी समय सामने आती जो तब नहीं की।
उधर जब दोनो भांजे दुबई पहुंचे तो कथित फूफा वहां मिले नहीं और उनका संपर्क भी संभव नहीं हुआ। तब रिश्तेदार के कहने पर पीड़ित ने ही अपने परिचित एजेंट से बात कर दुबई में वहां के वाशिंदे अकरम भाई से कहकर दोनो की मदद कराते हुए रहने खाने पीने सोने की व्यवस्था सहित 100-100 दरहम रकम भी व्यक्तिगत खर्च बतौर दिलवाई। यहीं नहीं अकरम ने इनके लिए काम की व्यवस्था भी जानकारी अनुसार करवाई। लेकिन मेहनत देख दोनो वहां से वापस भाग आए। एक दो माह बाद षणयंत्र रच कर मददगार बने पीड़ित से ही लाखों ठगने की तैयारी में फर्जीवाड़ा कर गलत सलत जानकारी पुलिस को देते हुए पीड़ित के खिलाफ कोतवाली नगर में एक प्राथमिकी मु.अ.सं. 723ध्2024 बीती 13 अगस्त को दर्ज कराई। जबकि जून 2024 में ही वसूली के प्रयास पर पीड़ित ने पुलिस द्वारा सुनवाई ना करने पर सिनीयर डिवीजन एफटीसी कोर्ट नंबर 38 में मामला 156ध्3 इन्हीं चार लोगों के खिलाफ दर्ज कराया था। पीड़ित सीतापुर के थाना महमूदाबाद के मोहल्ला बीबीपुर निवासी मो.मुस्तकीम पुत्र मो.इब्राहिम के बताए अनुसार चारों आरोपियों ने 1 लाख 10 हजार जो उसके खाते में दिया टिकट से लेकर बीजा बनवाने के लिए आनेजाने व टिकट में खर्च हुआ। यही नहीं दोनो आरोपी दुबई में कुछ दिन काम करके पगार लेकर वहां से आए, उन्हें वहां जो पैसों से लेकर अन्य रहने सहने में खर्च हुआ वो भी वापस नहीं किया। अब वहां की संभावित कमाई फर्जीवाड़ा कर वसूलने का कुचक्र रचा तो मामले में बारीकी से जांच कर इन्हें पुलिस को भरमाने से लेकर अनावश्यक अन्य को परेशान करने के प्रयास के लिए दंडित करना चाहिए। नहीं तो लोगों को जनसेवा के कार्य में 100 बार उसी तरह सोचना पड़ेगा।

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Author: cnindia

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