जैदपुर, बाराबंकी। नगर पंचायत में विभिन्न समस्याओं को लेकर के सभासदों ने एकजुट होकर आज अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन सोपा है। और नगर पंचायत अध्यक्ष और उनके प्रतिनिधि पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही साथ अधिशासी अधिकारी से मामले में हस्तक्षेप पर जल्द से जल्द वार्डों में विकास कार्य कराए जाने की मांग की है।
मामला जैदपुर नगर पंचायत से जुड़ा हुआ है। जहां पर नीलोफर अंसारी अध्यक्ष के रूप में चयनित हुई थी। उसके बाद से सभासदों का आरोप है कि अध्यक्ष ना कभी नगर पंचायत के ऑफिस आई हैं। ना कभी मीटिंग में कोई हिस्सा लिया है। और आज तक सभासदों ने ना अध्यक्ष को देखा है। ऐसे में विकास कार्य कराए जाने की कल्पना ही बेकार है। सभासदों का आरोप है कि अध्यक्ष का बेटा दाऊद ही पूरे कार्यभार को देखता है और मनमानी तरीके से काम करता है ।जिस से की समस्त वार्डों में विकास कार्य बाधित है।
नगर पंचायत अध्यक्ष के कार्यालय ना आने बैठक को में हिस्सा न लेने और उनके पुत्र दाऊद की मनमानी से विकास कार्य के बाधित होने का लेकर आज सभासद आक्रोशित हो गए और सभी सभासदो ने मिलकर के आज अधिशाषी अधिकारी आलोक वर्मा को ज्ञापन सोपा है। ज्ञापन के माध्यम से सभासदों की मांग है कि नगर पंचायत अध्यक्ष बैठक में शामिल हो ।हर महीने नियमित रूप से विकास कार्य को लेकर के नगर पंचायत की बैठक हो ।दाऊद की मनमानी पर लगाम लगाया जाए।
आपको बता दें कि अध्यक्ष के नगर पालिका ना आने से वार्डों में विकास कार्य बाधित हो रहा है। नाली बनना तो दूर नालियों की सफाई नहीं हो रही है। वार्डों की लाइट खराब है। इसके अलावा बहुत से विकास कार्य है। जो बाधित हो रहे हैं जिसके लिए बार-बार अधिशासी अधिकारी आलोक वर्मा सूचित किया गया है लेकिन अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बिना कोई भी कार्य सुचारु रूप से नहीं हो पा रहा है। और जो भी कार्य हो रहे है। वह अध्यक्ष के पुत्र प्रतिनिधि दाऊद के मुताबिक हो रहे है। जिससे कि सभासदो और आम जनता में आक्रोश है।
आपको बता दे की नगर पंचायत में अध्यक्ष के ना आने से लगभग 6-7 महीने से विकास कार्य को लेकर के होने वाली नगर पंचायत बोर्ड की कोई बैठक अभी तक नहीं आहूत की गई तो विकास कार्य होना दूर की बात है। ऐसे में आम आदमी चाहे जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की समस्या हो या अन्य समस्याएं हो उनको लेकर के नगर पंचायत कार्यालय आता है। लेकिन अध्यक्ष के न होने से खाली वापस चला जाता है। जिसको लेकर के आम आदमी भी परेशान है।
आज सभासदों द्वारा अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन देने के बाद अब देखने वाली बात होगी कि क्या अधिशासी अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद अध्यक्ष महोदय अपनी जिम्मेदारी समझेंगी और नगर पंचायत की होने वाली बैठकों में हिस्सा लेंगी जिससे कि नगर पंचायत में कोई विकास कार्य बाधित न हो और आम जनता परेशान ना हो।