जमुरिया चैड़ीकरण में हुई अनियमितता पर आवाम में आक्रोश
-कई मकानों की जहां नालियां मिट्टी वहीं पाटने के चलते अवरुद्ध
-कई के अतिक्रमण पर प्रशासन की दरियादिली क्यों पर आवाम संशय में है!
(संजय वर्मा ‘‘पंकज’’/शरद श्रीवास्तव)
बाराबंकी। जमुरिया चैड़ी करण अभियान में जहां कईयों के आशीयाने जमीनंदोज हो गए तो 4-5 वीवीआईपी पर क्यों कार्रवाई नहीं हुई को लेकर प्रशासन ने ऐसी चुप्पी लगा ली कि मामला ठण्डे बस्ते में चला गया। लेकिन एक आध ऐसे भी रहे कि प्रशासन डालडाल तो वो पातपात वाला हाल चरितार्थ करते ध्वस्त हिस्से को दोबारा निर्माण करा मामला चाकचैबन्द कर लिया। लेकिन ध्वस्तीकरण अभियान की अफरा-तफरी में बजाए मलबे को ठिकाने लगाने के प्रशासन ने किनारे ऐसे चढ़ा किनारे बने मकानों के लिए दिक्कत खड़ी कर दी।
बताते चले कि अयोध्या लखनऊ हाईवे पर पटेल चैराहा स्थित पुल के पूर्व एक-दो मकानों पर अतिक्रमण का बुलडोजर नही गरजा वही आवास विकास पुल उपरांत ढ़हाए गए एक निजी विद्यालय में पुनर्निर्माण हो गया है। वैसे 24 वर्ष सेना में नौकरी व कारगिल युध्द में तीन- तीन गोली लगने से मरणासन्न हुए फौजी बाबा रामकिशोर का दर्द यह है कि देश के प्रति अपनी जान की बाजी लगा देने उपरांत जिला प्रशासन सेवा निवृत फौजी बाबा की तमाम तकलीफों पर सज्ञान तक नही लेता है। जैसा दो महीने बाद उत्पन्न स्थिति से स्वयं उद्धृत है कि उनके मकान की नाली का पानी ही अवरुद्ध नही हुआ बल्कि मकान की दीवार में भी क्रेक आ गया।
वैसे मामले को लेकर नगर पालिका परिषद नवाबगंज के प्रशासनिक अधिकारी संजय शुक्ला,चेयरमैन प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह वर्मा से भी लिखित शिकायत के साथ-साथ सदर एसडीएम संयुक्त मजिस्ट्रेट आईएएस कैडर के राल्लापल्ली जगत सांई को भी शिकायती पत्र देते हुए शिकायत की गई है। जिसपर उन्होंने कार्रवाई करते हुए मिट्टी हटाकर नाली का अवरोध दूर कराने का आश्वासन दिया है। लेकिन कार्रवाई में क्रेक हुई दीवार पर कोई जवाब जिम्मेदारों की तरफ से नहीं मिला। जबकि जवाबदेही उन्हीं की है जिन्होंने ढ़हाने की कार्रवाई की है। मजेदार बात यह है कि एक नामचीन विद्यालय, एक नए नए बने आईपीएस के परिवार का मकान व एक न्यायिक अधिकारी के परिवार का मकान अतिक्रमण बावजूद ध्वस्तीकरण अभियान में सुरक्षित रहते देख एक विद्यालय ने ध्वस्त हिस्सा दोबारा बनवा लिया और प्रशासन ने आंख भी बंद कर ली। जो अभियान पर सवालिया निशैन लगाता नजर आ रहा है।