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किसानों के धान की पराली का निस्तारण का कार्य हुआ शुरू कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट में निस्तारित की जा रही है धान की पराली

त्रिलोकपुर, बाराबंकी- तहसील रामनगर के त्रिलोकपुर क्षेत्र से जुड़ा हुआ है जहां पर धान की खेती अधिक मात्रा में किसानों के द्वारा की जा रही है। प्रतिवर्ष किसानों के द्वारा खेतों में ही धान की पराली को जलाया जाता था। जिससे वायु प्रदूषण क्षेत्र में काफी बढ़ जाता था। जिसको देखते हुए सरकार के निर्देश पर धान की पराली को निस्तारण करने के लिए कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट बाराबंकी जिले में तीन स्थापित किए गए हैं।
जहां पर कंपनी के द्वारा किसानों के धान की पराली के निस्तारण के लिए खेतों में मशीनों के माध्यम से धान के परली का बंडल बनाया जाता है और इन बंडलों को ट्रक्टर ट्रालियों से लाद कर बायोगैस प्लांट में लाकर इनका निस्तारण करके इससे गैस का उत्पादन किया जा रहा है इस कार्य में किसानों की धान की पराली का एक तरफ निस्तारण हो रहा है तो दूसरी तरफ बायोगैस का भी उत्पादन तेजी से शुरू हो गया है किसानों को धान की पराली के एवज में रुपए 30 प्रतिबडल के हिसाब से कंपनी के द्वारा भुगतान किया जाता है किसानों ने बताया है कि इस वर्ष हम लोगों को अपने खेतों में धान की पराली को जलाना नहीं पड़ रहा है क्योंकि कंपनी के द्वारा रजिस्ट्रेशन करने के बाद कंपनी के कर्मचारी खुद उनके खेतों में आते हैं और धान के पराली का बंडल बनाकर उन्हें अपने बायो गैस प्लांट में जाकर उनका निस्तारण कर रहे हैं जिससे क्षेत्र के सभी किसानों ने राहत की सांस ली है । वही किसानों राम दुलारे यादव, पुष्पेंद्र मिश्रा ने बताया कि आप पराली खेत में हटाने के लिए कई दिनों तक खेतों में काम करना पड़ता था अब मशीन के द्वारा जल्द ही खेतों से पराली बंडल बनाकर उन्हें बायोगैस प्लांट में ले जाकर निस्तारण कर रहे हैं।

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Author: cnindia

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