रामनगर, बाराबंकी- इस वर्ष जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार 29 नवम्बर को 2 बजे परंपरा अनुसार विश्व कल्याण द्वार पर फीता काट कर महादेवा महोत्सव मेला का उद्घाटन करेंगे। जिसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। पंडाल सज गया है। मंच की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। विभिन्न विभागों की लगने वाली प्रदर्शनी के लिए 22 पंडाल बनाए गए हैं। क्षेत्र में जगह-जगह कार्यक्रम की होल्डिंग लगाई गई हैं। नए कलेवर में लोधेश्वर महादेव मंदिर व मेला परिसर मार्ग पर सभी द्वार बिजली की सजावट से दर्शकों को आकर्षित करने के लिए सजाए जा रहे हैं। आने वाले दर्शक श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग के लिए पंडाल के उत्तर में व्यवस्था की गई है। गुरुवार को शाम तक महादेवा महोत्सव सचिव उप जिलाधिकारी पवन कुमार व तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह व्यवस्था पूर्ण करने में लग रहे।
बताते चलें कि भूतमभावन भोलेनाथ की नगरी लोधेश्वर महादेव का प्राकट्य उत्सव अगहन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को विशाल अहगनी मेला के रूप में प्रारंभ होता है। द्वापर युगीन अज्ञातवास काल में पांडु पुत्र माता कुंती के साथ विचरण करते गंडक घाघरा नदी के दक्षिण तटीय वन में पहुंचे। जहां महामुनि वेदव्यास की सम्मति से महाबली भीम उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों से दो प्रस्तर पाषाण शिलाखंड बहंगी में टांग कर कंधे पर लेकर आए। जिसमें से एक शिला खंड को माता कुंती ने वर्तमान कुंडेश्वर महादेव में स्थापित किया था। दूसरी शिला को वर्तमान महादेवा में धर्मराज युधिष्ठिर ने स्थापित करके 12 वर्ष तक रुद्राभिषेक पूजन अर्चन एवं एक किलोमीटर उत्तर स्थित ग्राम मंझौनी के कुरुक्षेत्र में हवन पूजन किया था। जिन्होंने मान्यता अनुसार अगहन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को पूजा अर्चना शुरू किया था।
इसी दिन को प्रति वर्ष आयोजित होने वाले महादेवा मेला में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश सहित विभिन्न अ जगहों से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन व जलाभिषेक के लिए आते हैं।एक सप्ताह तक महादेवा महोत्सव होता है। जिसमें लोक कला के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मेला महोत्सव का हर वर्ष पदेन जिला अधिकारी उद्घाटन करते हैं तथा पुलिस अधीक्षक समापन करते हैं।