मुसलमान शुक्रवार को मस्जिद जरूर जाता है। हमें भी अमावस का दिन तय करना पड़ेगा पितरों को तृप्त करने का दिवस धर्म का दिवस आप सभी को शिकायत होती है कि हिंदू कभी हिंदू के लिए खड़ा नहीं होता।कैसे होगा क्या आपने ऐसा कोई नियम बना रखा है जिसमें आप कम से कम महीने में एक बार एक सनातन धर्म कि धुरी गौमाता के दर्शन व सेवा का लाभ ले!!
आइए हम अपने वीरान पड़े गोशालाओ को शक्ति और संगठन स्थल के रूप में विकसित करे हर अमावस को आप चाहे कहीं भी है गोशाला अवश्य पहुंचे। धर्म समय यही होता है आप अपने घर पर हैं तो घर के पास की गोशाला में दुकान पर है तो दुकान के पास कि गोशाला में ऑफिस में है तो ऑफिस के पास किसी गोशाला में अगर आप यात्रा पर भी हैं तो आप जहां भी हैं वहां पर आसपास किसी भी गोशाला में हर अमावस को जरूर पहुंचे।कल्पना कीजिए भारतवर्ष में लाखों लाखों गोशाला है अगर हर गोशाला में सिर्फ 500 से 1000 लोग भी पहुंचेंगे और एक साथ सनातन धर्म कि धुरी गौमाता कि सेवा में सहयोग करें उनके घंटों की शंख की और आरती की आवाजें गूंजेंगी तो एक मिश्रित संगीत जब पूरे भारतवर्ष में हर मंग तो न जाने कितने गोवंश का पेट भर जाएगा,यह आवाज पूरी दुनिया में जाएगी इसका असर बहुत ही दूरगामी होगा। विश्वास कीजिए आज की सभी समस्याएं कपूर की तरह उड़ जाएगी इतनी बड़ी संख्या में जब हिंदू अपनी गोशाला में पहुंचेगा वह भी हर माह तो किसी माई के लाल में हिम्मत नहीं होगी कि गोवंश को परेशान कर सके। हो सके तो अपने साथ अपनी पत्नी बच्चों को भी लेकर गौशाला जाए जब आप इस तरह से नियमित रूप से हर अमावस को गोशाला पहुंचेंगे तो वहां आपके आस पड़ोस में एक ही जो लोग हैं वह भी आपसे मिलेंगे आपकी जान पहचान बढ़ेगी आपस में संबंध बढ़ेंगे और फिर आप एक दूसरे के सुख दुख में भी शामिल होंगे इसी तरह से हम सभी एकता के सूत्र में बंध जाएंगे।अगर संदेश पसंद आया है तो इसे सभी ग्रुपों में प्रसारित करें। और आज ही प्रण करें चाहे हम कुछ भी कर रहे हैं हर अमावस को गोशाला जरूर पहुचेंगे अपने लिए नहीं अपने समाज और अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए। ध्यान रहे अब यह आवश्यक हो चुका है अगर आप इसे अभी भी टालते रहे तो बहुत बड़े खतरे में आप पडने वाले हैं। जितना शीघ्र आप इसे शुरू करेंगे इतना जल्दी आप एक दूसरे से एकता के सूत्र में बंध जाएंगे।