सिंगरौली।। मध्य प्रदेश सरकार को सिंगरौली जिले से लगभग 700 करोड़ की डीएफ फंड राशि के साथ करोड़ों रुपए की CSR का उपयोग किया जाता है । इसके बावजूद भी देवसर विधानसभा में विकास के नाम विकाश दिखावा रह गया है।
विधायक सुभाष रामचरित वर्मा ने अपने विकास की गाथा के लिए लगभग दो पेज का विकास पत्र छपवाया है उसके बाद भी देवसर विधानसभा में विधायक से नाराज जनता उनका खुलेआम सभा में विरोध करते हुए दिख रही है। इतना ही नहीं विधायक जी तो अपने घर में जनता दरबार लगाते हैं लेकिन इनके जनता दरबार में जनता की कोई सुनवाई नहीं होती सिर्फ दिखावे की जनता दरबार बताई गई है। चुनाव जीतने से पहले जनता के घर-घर एवं गांव-गांव जाकर हाथ पांव पड़कर वोट मांगा था चुनाव जीतने के बाद 5 सालों तक कई पंचायत कई गांव कई इलाकों में इन्होंने अभी तक कदम नहीं रखा है।।लोगों का कहना है कि विधायक सुभाष वर्मा के कार्यकाल में विधानसभा देवसर की जनता पर फर्जी मुकदमे भी लादे गए हैं, जनता में भारी आक्रोश होने के कारण जहां भी विधायक सुभाष वर्मा का सभा लगती है वही जनता विरोध करने लगती है।देवसर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव पटवारी से लेकर आरक्षक दरोगा तक के ट्रांसफर पोस्टिंग में इनका हाथ होता है इसके बदले में इन्हें मोटी रकम चढ़ावा भी मिलता होगा। जब देवसर विधानसभा के क्षेत्र में भ्रमण किया तो लोगों में सुभाष वर्मा के खिलाफ कूट-कूट कर गुस्सा भरा हुआ अगर विधायक सुभाष वर्मा विधानसभा देवसर क्षेत्र में विकास कार्य किए हैं तो फिर जनता उनके विरोध में क्यों है? इन्होंने चुनाव जीतने से पहले रोजगार विस्थापन प्रदूषण सहित कई वादे किए थे इनमें से एक भी वादा नहीं पूरा कर सके इतना ही नहीं बल्कि पूर्व में रहे विधायक की प्रस्ताव कार्य पूर्ण हुए लेकिन वर्तमान में विधायक ने निजी विकास के सिवा कुछ नहीं किया यह जनता का आरोप है। लेकिन अगर विधायक ने कार्य किया है तो इनका विरोध क्यों है? फिर दो पेज का छापा पत्र में विकास पत्र क्या झूठ है या अभी फर्जी तरीके से दिखावे के लिए पत्र छपवाया गया है। क्षेत्र में रोड नाली जैसे कुछ कर तो हुए हैं लेकिन उसमें भी घटिया एवं भारी दलाली जैसे कार्य को देखा जा सकता है कोई भी कार्य सही तरीके से नहीं किया गया नालियों का पूर्ण रूप से निर्माण नहीं किया गया चंद दिनों में नालियां भट् गई और टूटकर बिखर गई, जो रोड की गारंटी पांच सालों तक होती है वह रोड एक साल के अंदर उखाड़ कर टूट गई। विकास के ऐसे कार्य को देखकर जनता में विधायक के प्रति नाराजगी एवं आक्रोश व्याप्त हो गया है।।सुभाष वर्मा का विरोध एवं कार्य को देखकर जनता में काफी नाराजगी है, पार्टी के कार्यकर्ता भी विधायक पर काफी आरोप लगा चुके हैं फर्जी मुकदमे से लेकर अपने करीबियों का सपोर्ट करने तक का आरोप है.?यही आरोप पूर्व के विधायक राजेन्द्र मेश्राम, पर भी था जिसको देखते हुए भाजपा ने पूर्व विधायक राजेन्द्र मेश्राम का टिकट काटकर सुभाष रामचरित वर्मा को दिया लेकिन ठीक इसी तरह इनका भी जनता में आक्रोश एवं विरोध है। तो फिर क्या विधायक सुभाष वर्मा को पुनः बीजेपी टिकट देगी