पलवल , हरियाणा- के दूधौला गांव में स्थित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ.राज नेहरू को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के विशेष कर्तव्य अधिकारी का दायित्व मिलने के बाद यूनिवर्सिटी से इस्तीफा देना पड़ा वही उनके सम्मान में यूनिवर्सिटी की तरफ से एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया। यूनिवर्सिटी के प्रबंध कमेटी एवं बाहर से आए हुए धनवाने लोगों के द्वारा उन्हें नोटों की मालाओं एवं फूलों की बरसात के साथ ढोल नगाड़ों की थाप तथा बैंड बाजों की सुरीली गूंज में भव्य विदाई समारोह का सफल आयोजन किया गया जिसमें उद्योग जगत की कई बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल हुई। आपको बता दें कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कमान वर्ष 2017 में करीब 8 वर्ष पहले डॉ.राज नेहरू ने संस्थापक एवं कुलपति के रूप में कमान संभाली थी उसे बीच उन्होंने यूनिवर्सिटी को देश में ही नहीं विदेशों में भी एक अलग पहचान बनाकर अलख जगाई है आज देश और दुनिया के बहुत चर्चित शिक्षण संस्थान श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल का अनुकरण कर रहे हैं वही शिक्षा जगत में पूरे देश के लिए मॉडल बन गया है। वही पूर्व में उक्त विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ रैंकिंग में देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है वही राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दर्जन भर प्रतिष्ठत अवार्ड अपने नाम किए हैं। विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं कुलपति डॉ राज नेहरू ने उक्त उपलब्धि को प्रबंध कमेटी के सभी डीन, प्रोफेसर, अधिकारियों एवं कर्मचारीयों की देन बताया। उन्हें संस्थापक कुलपति के रूप में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रशस्ति प्रदान किया गया। सम्मान की सूचक पगड़ी और शाल भेंट कर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की गई। शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया और उनके ऊपर पुष्प वर्षा की गई। उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियां इस सम्मान समारोह में शामिल हुई और संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू के विदाई समारोह को यादगार बना दिया। संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू, की पत्नी सुनैना नेहरू, बेटी ओशीन और बेटा आर्यन भी इस यादगार समारोह में शरीक हुए। विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से सम्मानित किया। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि पूरे देश के सामने यह विश्वविद्यालय आदर्श बन गया है। कुलपति के रूप में डॉक्टर राज नेहरू को भारत में कौशल शिक्षा का मॉडल खड़ा करने का श्रेय जाता है। उन्होंने जिस शिद्दत के साथ इस विश्वविद्यालय का स्थापना की है वह निर्वचनीय है। उनकी संस्तुतियों को यूजीसी और नैक ने भी स्वीकार किया है यह गौरव का विषय है। विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में डॉक्टर राज नेहरू ने देश में स्किल एजुकेशन का इको सिस्टम तैयार किया। उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता से शिक्षा जगत और देश व समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। डॉ. राज नेहरू को बंचारी की लोककला के संवर्द्धन के लिए भी जाना जाएगा। प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि अब हरियाणा सरकार ने उन्हें जो दायित्व दिया है इसका भी बड़े स्तर पर प्रदेश को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर आईआईएलएम की कुलपित डॉ. सुजाता शाही, हीरो मोटरकॉर्प की ओर से एचआर हेड धर्म रक्षित, सुधांशु पाडी, ऑटोलेक की एचआर हेड भावना चौहान, मिताभी लैंस की ओर जीएम संजीव शर्मा, मेट्रो लैब के डायरेक्टर विनोद भाटी और हिपा की सहायक निदेशक रेखा भारद्वाज सहित उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियों ने संस्थापत कुलपति डॉ. राज नेहरू को सम्मानित किया और उनकी नई पारी के लिए शुभकामनाएँ दी।।