कोठी, बाराबंकी। एक तरफ जहां पर केंद्र व राज्य सरकार वसुंधरा को हरा भरा रखने के लिए वन विभाग द्वारा नाना प्रकार के वृक्षारोपण हर वर्ष लाखों रुपए की करवाती है तो वहीं पर वन विभाग के चंद अधिकारी व कर्मचारीयों की मिलीभगत से ठेकेदारों द्वारा हरे-भरे प्रतिबंधित वृक्षों को कट कर रेगिस्तान बनाने पर लगें हुए है। जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि सतरिख थाना क्षेत्र के ग्राम सेखना पुरवा मजरे नरौली में बीती रात दबंग किस्म केवन माफियाओं ने वन विभाग के नियमों को ताक पर रखकर प्रतिबंधित हरे-भरे आम के बृक्षो को काट कर धराशाई कर दिया इतना ही नहीं हद तो तब हो गई वन क्षेत्र हरख रेंज से मात्र चंद किलोमीटर की दूरी पर वन माफियाओं ने आठ हरे भरे आम के वृक्षों को काटकर रातो रात चोरी चुपके उठा ले गए वन विभाग के कान तक भनक नहीं लगी और 24 घंटा बीत जाने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी कुंभकरणी नींद में सोते रहे अधिकतर सतरिख थाना क्षेत्र में वन माफियाओं के अधिक हौसले बुलंद होने के चलते आए दिन क्षेत्र में पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से बड़ी-बड़ी दरख्तो पर आरा चलता देखा जाता है और इतना ही नहीं पेड़ों को काटकर इसके बाद जला दिया जाता है अधिकारियों द्वारा पूछने पर कभी-कभी बता जाता है की पेड़ों का परमिट है लेकिन जब पता चलता है कि एक पेड का परमिट होता है और एक पेड़ के परमिट की आड़ में कई पेड़ काटे जाते हैं । और जब क्षेत्रीय पत्रकार को पता चलता है अगर खबर करने पहुंचता है तो दबंग वन माफिया बदतमीजी पर पेश आते हैं
जब वन विभाग के अधिकारियों को बताया गया तो हरख रेंज मैं तैनात सचिन पटेल वन दरोगा यह कह रहे हैं कि आप हमें वीडियो दे दीजिए और आज ही के कटे हैं या पुराने हैं यह कह कर बात को टाल दिए इससे यह साबित होता है कि हरख में बना हुआ वन विभाग के उच्च अधिकारी की मिलीभगत से वन माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं एक तरफ सरकार की नीतियों पर पानी फेरा जा रहा है जिस तरीके से सरकार का अरबों खरबों पैसा खर्च हो रहा है उसी पर वन विभाग वा भू माफियाओं की मिलीभगत से हरे भरे पेड़ों पर चला रहे आरा और सबूत मिटाने के लिए पेड़ के जो ठूंठ को ज मेंलाते हुए हैं सबूत मिटाने का काम किया है आइए देखते हैं वन विभाग के उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं