फिरोजाबाद महापौर पद के आरक्षण का मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच गया सामाजिक कार्यकर्ता बसपा नेता सतेन्द्र जैन सौली द्वारा फिरोजाबाद महापौर पद आरक्षण को लेकर मा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई
याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता बसपा नेता सतेन्द्र जैन सौली के अधिवक्ता आकाश काकडे ने आगामी 4 मई को होने वाले चुनाव को देखते हुए जल्दी सुनवाई के लिए मा सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की जिसकी सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कीमाननीय सर्वोच्च न्यायालय की कार्यवाही को लाइव प्रसारण मोबाइल पर याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता सतेन्द्र जैन सौली ने घर पर देखा
मा सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए अधिवक्ता आकाश काकड़े ने कहा कि फिरोजाबाद में 4 मई का चुनाव है जबकि हमारे द्वारा लगाई गई आपत्ति को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नहीं सुना गया तथा मा हाईकोर्ट इलाहाबाद ने आपके 27 मार्च 2023 को अन्य याचिका में पारित किए गए आदेश के आधार पर हमारी याचिका को खारिज कर दिया है इसलिए प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के तहत हमें सुना जाना चाहिए जिस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 2 मई 2023 को सुनवाई हेतु अनुमति दे दी हालांकि 26 अप्रैल को मा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने 1 मई 2023 को सुनवाई हेतु सहमति जताई थी परंतु सूची में नाम न शामिल होने के कारण आज पुन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सामने मामला रखा गया
मा सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता आकाश काकडे द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 136 एवम142 के तहत शासन की 9 अप्रैल 2023 की अधिसूचना को चुनौती देते हुए फिरोजाबाद महापौर पद के आरक्षण को लेकर मा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमे इलाहाबाद हाई कोर्ट में पूर्व में दाखिल याचिका का विवरण दिया गया है जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था
याचिका में सामाजिक कार्यकर्ता बसपा नेता सतेन्द्र जैन सौली ने कहा है कि हमने उत्तर प्रदेश शासन की चुनाव नियमावली के अनुसार फिरोजाबाद महापौर पद के आरक्षण को लेकर लखनऊ जाकर शासन में बिंदुवार आपत्ति दर्ज कराई थी जहां हमारी आपत्ति को नहीं सुना गया और बिना निस्तारण किए सरकार ने मनमाने ढंग से चुनाव की घोषणा कर दी उसके बाद में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत प्रदत अधिकारों का उपयोग करते हुए हमने माननीय हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की वहां भी हमें नहीं सुना गया इसलिए चुनाव रोककर हमारी आपत्तियों को सुना जाए और उसका निस्तारण किया जाए
इससे पूर्व सामाजिक कार्यकर्ता बसपा नेता सत्येंद्र जैन सौली एवम सवर्ण संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर उपाध्याय ने लखनऊ में फिरोजाबाद महापौर पद आरक्षण को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी उसका निस्तारण न होने के बाद हाईकोर्ट में सरकार द्वारा आपत्ति का निस्तारण किए बिना मनमाने ढंग से नगर निकाय चुनाव कराने पर याचिका दाखिल की थी
शासन की 30 मार्च 2023 ब 9 अप्रैल 2023 को जारी की गई अधिसूचना को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया था कि शासन ने नगर निगम चुनाव में 5 दिसंबर 2022 को जो अधिसूचना जारी की थी उसमें फिरोजाबाद नगर निगम महापौर पद को अनारक्षित घोषित किया गया था जो कि चक्रानुसार क्रमानुसार सही था
दिनांक 30 मार्च 2023 को शासन द्वारा अधिसूचना जारी की गई उसमें फिरोजाबाद नगर निगम महापौर पद को पुनः पिछड़ा वर्ग महिला घोषित किया गया है जबकि 2017 में भी पिछड़ा वर्ग महिला आरक्षण था यह नगर निगम अधिनियम की धारा 7 (5) का उल्लंघन है और नगर निगम फिरोजाबाद में निवास करने वाली सामान्य वर्ग की बहुसंख्यक आबादी के प्रतिनिधित्व को रोकने वाली है
याचिका में पिछड़ा वर्ग आयोग के संबंध में हाई कोर्ट के आर्डर को लगाते हुए कहा गया है कि 5 दिसंबर 2022 की अधिसूचना को लेकर माननीय उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में जो प्रकरण चला था उसमें उच्च न्यायालय ने नगर पालिकाओं मैं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर आदेश दिए थे उसमें नगर निगम का उल्लेख नहीं है जबकि नगर निगम एक्ट अलग है इसलिए नगर निगमों पर यह लागू नहीं होता अतः जो फिरोजाबाद महापौर पद का आरक्षण बदला गया है वह गलत है
याचिका में कहा गया है कि 4 अगस्त 2014 से पहले जब फिरोजाबाद नगर पालिका थी जब अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण था उसके बाद नगर निगम का दर्जा मिला तो पिछड़ा वर्ग का आरक्षण रहा तो क्रमानुसार सामान्य वर्ग का आरक्षण होना चाहिए था क्योंकि पिछले लगभग15 वर्षों से फिरोजाबाद में सामान्य वर्ग का आरक्षण नहीं रहा है जबकि पिछड़ा वर्ग महिला को दो-दो बार आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता बसपा नेता सत्येंद्र जैन सोली ने कहा कि प्रयास करना हमारे हाथ में है परिणाम हमारे हाथ में नहीं है अप्रत्याशित ढंग से फिरोजाबाद नगर निगम महापौर पद का जो आरक्षण बदला गया है वह सामान्य वर्ग के प्रतिनिधित्व को रोकने की साजिश है वह नहीं चाहते कि शहर में सामान्य वर्ग से भी लोग राजनीति में आगे आए और वह अपनी योजना में सफल होते हुए भी दिख रहे है लेकिन नगर की जनता 1 दिन इसका जवाब जरूर देगी
उन्होंने कहा कि अगर सामान्य वर्ग की सीट होती तो सभी जातियों के लोग चुनाव लड़ने का अवसर पाते
इस अवसर पर सवर्ण संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर उपाध्याय ने कहा कि कई पार्टियों में मेयर चुनाव लड़ने के लिए 100 से ज्यादा आवेदन थे लेकिन जैसे ही मेयर पद का आरक्षण बदला तो वह नदारद हो गए किसी ने सामान्य वर्ग के साथ हो रहे अन्याय का विरोध नहीं किया जबकि हम सामान्य वर्ग के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं नगर की जनता को ऐसे मौकापरस्त लोगों को पहचान कर याद रखना चाहिए