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24/11/2024 5:39 am

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मंत्रालयिक कर्मचारियों और सरपंचों की हड़ताल के कारण महंगाई राहत शिविर का काम ठेके पर, सरकारी डाटा भी निजी हाथों में

राजस्थान में ग्राम पंचायतों का 7 हजार करोड़ रुपया बकाया। केंद्र सरकार से मिली 1500 करोड़ की राशि भी नहीं दे रही गहलोत सरकार400 करोड़ रुपए उधार हो जाने के कारण राजस्थान के पंप संचालक 5 मई से सरकारी वाहनों में पेट्रोल डीजल नहीं भरेंगे, इसके साथ ही 4 मई को जयपुर में प्रदेश भर के सरपंच प्रतिनिधियों ने शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन दिया। 11 हजार से भी ज्यादा सरपंच गत 20 अप्रैल से ग्राम पंचायतों के कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं। मांगे नहीं मानी गई तो 15 मई को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास का घेराव किया जाएगा। सरपंचों की संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक महेंद्र सिंह मझेवला और शक्ति सिंह रावत ने बताया कि एक ओर शिविर लगाकर महंगाई से राहत दिलाने के दावे किए जा रहे हैं तो वही गहलोत सरकार ग्रामीण विकास के 7 हजार करोड़ रुपए दबाए बैठी है। ग्रामीण विकास के लिए ग्राम पंचायतों को केंद्र और राज्य वित्त आयोग से सालाना 3-3 हजार करोड़ रुपए मिलते हैं। राज्य ने गत वित्तीय वर्ष की दोनों किश्त यानी 3 हजार करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है। इसी प्रकार अक्टूबर माह में केंद्र सरकार से मिली दूसरी किस्त 15 सौ करोड़ का भुगतान भी अभी तक नहीं किया है। मनरेगा के भी 2 हजार 200 करोड रुपए बकाया हो गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी राज्य सरकार अपने हिस्से की 45 प्रतिशत राशि भी नहीं दे रही है। सरकार के इस असहयोग के कारण ही प्रदेश भर में ग्रामीण विकास ठप पड़ा हुआ है। गंभीर बात तो यह है कि 11 हजार सरपंचों के कार्य बहिष्कार का सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है। इससे सरपंचों में गुस्सा है। सरपंच के आंदोलन के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829736235 पर महेंद्र सिंह मझेवला और 9829648672 पर शक्ति सिंह रावत से ली जा सकती है।

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Author: cnindia

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