भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण को समझना है तो राम मय बनना पड़ेगा। भक्ति मार्ग में लीन होने पर ही ईश्वर के दर्शन संभव है। उक्त प्रवचन क्षेत्र के गांव नगला हरिकन्ना स्थित लक्ष्मीदेवी आईटीआई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में काष्र्णी गोपालाचार्य महाराज ने कहे। कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्म होते ही पूरा भागवत परिसर झूमने-नाचने लगा। व्यासजी ने बताया कि जब धरा पर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब 16 कलाओं में निपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण ने मां देवकी के आठवें गर्भ से अवतार लिया था। इस अवसर पर प्रेमपाल शर्मा, गीतादेवी, अनिल सारस्वत, लक्ष्मी नारयण कौशिक, कुलदीप सारस्वत, कमलकांत, श्रीकृष्ण सारस्वत, राहुल, सूरजचंद, उमेश पचौरी आदि थे।
Author: cnindia
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