अजमेर नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष और पुष्कर के विधायक रहे डॉक्टर श्री गोपाल बाहेती को कांग्रेस की राजनीति में शांत स्वभाव वाला नेता माना जाता है। डॉ बाहेती ने अपने आलोचकों और विरोधियों का कभी भी मुकाबला नहीं किया। विवाद होने पर डॉक्टर बाहेती ने मैदान छोड़ दिया, लेकिन यह पहला अवसर है जब अपने किसी प्रतिद्वंदी नेता पर डॉक्टर बाहेती ने हमला बोला है। यह हमला गत 13 जून को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली पर किया गया है। डॉ. बाहेती ने अपने स्वभाव के विपरीत कहा कि 13 जून को गांधी दर्शन समिति के अहिंसक कार्यक्रम में आकर जो हंगामा किया वह निंदनीय है। जिला समन्वयक के नाते मैं स्वयं इस कार्यक्रम में उपस्थित था। समिति की इस बैठक का उद्देश्य भी कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करना था। बैठक में पुष्कर के एसडीएम, अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के बीडीओ आदि अधिकारी भी उपस्थित थे। लेकिन नसीम अख्तर और उनके पति ने बैठक स्थल पर आकर समिति के कार्यक्रम को नहीं होने दिया। नसीम का यह हंगामा स्वार्थ से भरा हुआ था। यदि नसीम को किसी अधिकारी के कार्य को लेकर शिकायत थी तो जिला कलेक्टर को बताना चाहिए था। नसीम तो पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष है। वे मुख्यमंत्री से शिकायत कर सकती है, लेकिन सरकारी कार्यक्रम में हिंसा का तांडव कर नसीम अख्तर ने कांग्रेस और मुख्यमंत्री की छवि खराब की है। डॉ. बाहेती ने स्वीकार किया कि घटना के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से नसीम अख्तर की शिकायत की है।
भाजपा नेताओं के साथ ज्ञापन:
13 जून की घटना को लेकर 15 जून को ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन दिया। इस ज्ञापन में कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली की गिरफ्तारी की मांग की गई है। ज्ञापन आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के भाई और नांद के सरपंच विजय सिंह राठौड़ के नेतृत्व में दिया गया। राठौड़ के साथ ज्ञापन देने वालों में अधिकांश भाजपा के जनप्रतिनिधि शामिल थे, इनमें जिला परिषद के सदस्य महेंद्र सिंह मझेवला,महेंद्र सिंह रावत, शक्ति सिंह रावत, हरिकिशन, अर्जुन रावत आदि शामिल है। धर्मेंद्र राठौड़ के भाई के साथ भाजपा नेताओं की उपस्थिति भी राजनीति में चर्चा का विषय बनी हुई है। मालूम हो कि 13 जून की घटना को लेकर बीडीओ विजय पाल सिंह ने सिविल लाइन थाने में नसीम उनके पति इंसाफ पुत्र अरशद सहित 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इससे नसीम की गिरफ्तारी पर तलवार लट गई है। नसीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने में आरटीडीसी के अध्यक्ष राठौड़ की भूमिका बताई जा रही है। इसलिए उनके भाई विजय सिंह राठौड़ सक्रिय है।
Author: cnindia
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