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22/11/2024 7:07 pm

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यूपी में गरीबों को अब सिर्फ हर महीने मिलेंगे 5 किलो मुक्त चावल

योगी सरकार ने बंद की योजना

उत्तर प्रदेश के राशन कार्डधारक गरीब परिवारों को अब केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) के तहत प्रति माह प्रति यूनिट पांच किलोग्राम चावल ही मुफ्त मिलेगा। राज्य सरकार ने मुफ्त राशन योजना (Free Ration Scheme) को जून के आगे नहीं बढ़ाया है। ऐसे में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राशन कार्डधारकों को गेहूं के लिए दो रुपये और चावल के लिए तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान करना होगा।

जुलाई के खाद्यान्न वितरण के साथ हर राशन कार्ड पर जून के लिए एक किलोग्राम नमक, एक किलोग्राम दाल/चना और एक लीटर रिफाइन्ड तेल मुफ्त मिलेगा। पिछले माह के राशन का वितरण 31 अगस्त तक किया जाएगा। कोरोना महामारी के दौरान लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराने पर राज्य सरकार ने तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

कोरोना महामारी के दृष्टिगत लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए अब तक गरीब परिवारों को महीने में दो बार मुफ्त राशन दिया जा रहा था। एक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत और दूसरा एनएफएसए के तहत राज्य सरकार की ओर से।

पीएमजीकेवाई के तहत केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल 2020 से राशन कार्डधारकों को मुफ्त में राशन मिल रहा है। इसके तहत मई से प्रति यूनिट पांच किलोग्राम मुफ्त चावल दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने योजना को आगे न बढ़ाया तो सितंबर के बाद चावल भी मुफ्त मिलना बंद हो जाएगा।

कोरोना की दस्तक होने पर राज्य सरकार ने भी अप्रैल से जून 2020 तक सभी अंत्योदय कार्डधारकों तथा पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारकों को मुफ्त अनाज बांटा था। कोरोना की दूसरी लहर में राज्य सरकार ने जून से अगस्त तक सभी राशन कार्डधारकों को मुफ्त राशन दिया।

वहीं विधान सभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक एनएफएसए के तहत राशन कार्डधारकों को राशन के साथ एक किलोग्राम आयोडाइज्ड नमक, एक किलोग्राम दाल/चना और एक लीटर रिफाइन्ड सोयाबीन तेल भी मुफ्त देने की घोषणा की।

दोबारा सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने 26 मार्च को मुफ्त राशन योजना को अप्रैल से जून 2022 तक बढ़ाने का फैसला किया जिसके तहत जून तक मुफ्त राशन (गेहूं व चावल) वितरित किया जा चुका है।

खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने भी कोरोना महामारी के मद्देनजर गरीबों को भुखमरी से बचाने के लिए मुफ्त राशन की सुविधा दी थी। कोरोना महामारी के बाद अब परिस्थितियां सामान्य हो चुकी हैं इसलिए मुफ्त राशन देने का कोई औचित्य नहीं है।

प्रदेश में 3.59 करोड़ राशन कार्ड जारी हुए हैं जिनके माध्यम से 14.88 करोड़ लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उचित मूल्य पर गेहूं व चावल दिया जाता है। पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारकों को प्रति यूनिट पर हर माह पांच किलोग्राम (दो किलोग्राम गेहूं व तीन किलोग्राम चावल) वितरित किया जाता है।

वहीं अंत्योदय कार्डधारकों को प्रत्येक माह प्रति कार्ड पर 35 किलोग्राम अनाज (14 किलोग्राम गेहूं व 21 किलोग्राम चावल) दिया जाता है। एनएफएसए के तहत गेहूं दो रुपये व चावल तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जाता है।

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Author: cnindia

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