भाजपा कार्यकर्ताओं के एक संवाद में 27 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की दिशा तय कर दी है। अब जनता को फैसला लेना है। यदि 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में भाजपा को बहुमत देकर नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाया जाता है तो भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी यानी सभी नागरिकों के समान कानून। इस कानून को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्देश दे रखे हैं, लेकिन भारत में वोटों की राजनीति के चलते यूसीसी लागू नहीं हो रहा। चूंकि कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों को मुसलमानों के वोट चाहिए इसलिए समान कानून का विरोध किया जा रहा। आम मुसलमान को भी समान कानून पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन ठेकेदार नुमा नेता बेवजह मुसलमानों को डराते हैं। जब तीन तलाक पर कानून बनाया गया, तब भी बहुत हो हल्ला हुआ। अब जब तीन तलाक पर कानून बन गया है, तब सवाल उठता है कि इसका फायदा किसे हुआ। इस कानून का फायदा मुस्लिम औरतों को ही हुआ है। पहले एक साथ तीन बार तलाक तलाक तलाक बोल कर कोई भी पुरुष अपनी पत्नी को छोड़ देता था। ऐसी मुस्लिम महिलाओं को दर दर की ठोकरें खानी पड़ती थी, क्योंकि पुलिस थाने से लेकर कोर्ट में सुनवाई नहीं होती थी। कानून बनने पर मुस्लिम महिलाओं को पुलिस में शिकायत करने का अधिकार मिल गया है। यूसीसी लागू होता है तो मुस्लिम महिलाओं को भी वह अधिकार मिलेंगे, जिनसे अभी तक वंचित हैं। आम मुसलमान को यूसीसी से फायदा ही होगा। पीएम मोदी का यह कथन देश हित में है। एक परिवार में दो कानून से देश कैसे चलेगा? यूरोप के देशों में भी मुसलमान रहते हैं, लेकिन मुसलमानों को भी देश का ही कानून मानना पड़ता है। यूरोप के किसी भी देश में इस्लामिक परंपराएं लागू नहीं होती है। सवाल यह भी है कि क्या किसी मुस्लिम देश में ईसाइयों या हिन्दुओं के लिए अलग से कानून है? जब किसी मुस्लिम देश में अन्य धर्मों के लोगों के लिए अलग से कानून नहीं है तो फिर भारत में धर्म के आधार पर एक समुदाय के लिए अलग से व्यवस्था क्यों हैं? एक समान कानून होने से देश के हर नागरिक को फायदा होता है। 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया और देशवासियों की भावनाओं के अनुरूप अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनवाया। ये दोनों मामले वर्षों से अटके थे। अब जब दोनों कार्य हो गए है तो देश के मुसलमान बताएं कि उन्हें क्या नुकसान हुआ? वोट की राजनीति करने वाले नेता इन दोनों मुद्दों पर डर दिखा रहे थे। अनुच्छेद 370 के समाप्त होने से जम्मू कश्मीर में जो पर्यटन बढ़ाने का फायदा कश्मीर के मुसलमानों को ही हुआ। इसी प्रकार अयोध्या में राम मंदिर बनने से देश में सद्भावना ही बढ़ी। जो मुसलमान स्वयं को और देश की प्रगति चाहते हैं, उन्हें यूसीसी का समर्थन करना चाहिए। भारत में रहने वाले करीब 25 करोड़ मुसलमानों को पड़ोसी मुस्लिम देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हालात देख लेना चाहिए। अब तो पाकिस्तान का मुसलमान भी भारत की प्रशंसा कर रहे हैं। यूसीसी लागू होने पर भारत का मुसलमान और समृद्ध होगा। सबसे ज्यादा फायदा मुस्लिम महिलाओं को मिलेगा। वोट के खातिर जो नेता पीएम मोदी को मुस्लिम विरोधी बताते हैं, उन्हीं मोदी ने मुस्लिम औरतों को बिना किसी पुरुष के हज पर जाने का अधिकार दिया है। अपनी ही परंपराओं से वंचित जिन मुस्लिम महिलाओं ने इस वर्ष हज की यात्रा की है, उनकी खुशी का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे बहुत से फायदे हैं जिनका लाभ मुसलमानों को सिविल कोड लागू होने पर ही मिलेगा।