बाराबंकी। लोकतंत्र रक्षक सेनानी और समाजवादी नेता रघुनन्दन सिंह काका के निधन पर गांधी भवन में शोक सभा का आयोजित की गई। इस मौके पर गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने रघुनन्दन सिंह काका के साथ अपनी स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि रघुनन्दन सिंह काका ने छात्र राजनीति कांग्रेस पार्टी से शुरू की। वह कांग्रेस युवा प्रकोष्ठ के सदस्य रहे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रभानु गुप्ता के सानिध्य में रहकर राजनीति का कखहरा सीखा। वह चन्द्रभानु गुप्ता जनसेवा संस्थान के अध्यक्ष रहे। जिसके माध्यम से प्रत्येक वर्ष चन्द्रभानु गुप्ता की जयन्ती पर वृहत कार्यक्रम का आयोजन करते थे और सामाजिक कार्यो में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे।श्री शर्मा ने बताया कि रघुनन्दन सिंह काका देश को आपातकाल से मुक्त कराने के अभियान के योद्धा थे। वह आपातकाल में जेल गए। उनके पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भगवती सिंह, पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव सरीखे समाजवादी नेताओं से उनके बेहद खास रिश्ते रहे। आपातकाल में जेल से छूटने के बाद रघुनन्दन सिंह काका जनता पार्टी में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। वह मुलायम सिंह यादव के बेहद खास माने जाते थे। इसके बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के साथ मिलकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया। जिसमें वह राष्ट्रीय सचिव बनाए गए। श्री शर्मा ने बताया कि रघुनन्दन सिंह काका पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। वे 78 साल के थे। वह समाजवाद से प्रेरित और सादगी के जीवंत उदाहरण थे। कांग्रेस से अलग होने के बाद फिर उन्होंने कांग्रेस की तरफ मुड़कर नहीं देखा वह अजीवन समाजवाद की अलख जगाते रहे। मित्रता के मामले में उनका कोई सानी नहीं रहा।
इस मौके पर मृत्युंजय शर्मा, विनय कुमार सिंह, साकेत मौर्य, पाटेश्वरी प्रसाद, धनंजय शर्मा, सलाउद्दीन किदवई, अजीज अहमद, नीरज दूबे सहित कई लोग मौजूद रहे।