यूपी में महिला व बाल अपराधों के निस्तारण को 15 से अभियान चलेगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इसे लेकर कड़े निर्देश दिए हैं। कहा है कि पाक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस) एक्ट व महिला संबंधी अपराधों में जल्द से जल्द आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर मुकदमे की प्रभावी पैरवी कर दोषियों को सजा दिलाई जाए,पाक्सो एक्ट के मामलों में दो माह के भीतर कार्रवाई पूरी की जाए। इन मामलों के तेजी से निस्तारण के लिए विवेचना अधिकारी के साथ साप्ताहिक समीक्षा की जाए। कहा कि हर जिले में पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों में प्रतिमाह कम से कम एक मामले में सजा सुनिश्चित कराई जाए। ऐसे मामले जिनमें आरोपितों व गवाहों की संख्या कम हो तथा वैज्ञानिक साक्ष्य मजबूत हों, उन्हें चिन्हित कर शीघ्रता से निस्तारित कराया जाये।मुख्य सचिव ने शनिवार को पाक्सो, महिला उत्पीड़न, सीसीटीएनएस व आइटी सिस्टम की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि छह जुलाई तक दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के लंबित मामलों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश 97.80 प्रतिशत के साथ देश में दूसरे स्थान पर है।जबकि मुकदमे में दो माह के भीतर जांच प्रक्रिया पूरी करने में 73.10 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश का पांचवा स्थान है। पाक्सो एक्ट में जिलेवार की जा रही कार्रवाई की समीक्षा भी की गई। तकनीकी सेवायें शाखा ने डकैती लूट, हत्या, दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट, गो तस्करी व हत्या, अवैध मतांतरण जैसे जघन्य अपराधों की समीक्षा के लिए पोर्टल विकसित किया गया है।पोर्टल पर चिन्हित मुकदमों की विवेचना से संबंधित सूचनाएं व कोर्ट में उनकी स्थिति की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है, जिसकी वरिष्ठ अधिकारी नियमित समीक्षा कर रहे हैं। बताया गया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला में नमूनों की जांच के निस्तारण में वर्ष 2020 की तुलना में 94.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।