11 जुलाई को दोपहर तक बीसलपुर बांध का जलस्तर 313.44 मीटर मापा गया। जबकि तीन नदियों के मिलान स्थित त्रिवेणी 2.90 मीटर की चादर चल रही है। बीसलपुर बांध के जल स्तर पर नजर रखने वाले जलदाय विभाग के सहायक अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि पिछले दो तीन दिनों से केकड़ी, टोडा राय सिंह आदि क्षेत्रों में अच्छी वर्षा हो रही है, इसलिए बांध में पानी की आवक तेज है। पिछले चौबीस घंटे में बांध के जलस्तर पर दस सेंटीमीटर पानी की वृद्धि हुई है। दस जुलाई को बांध का जल स्तर 313.32 मीटर मापा गया जो 11 जुलाई को बढ़कर 313.44 हो गया है। बनास, कोठारी और मैनाली नदियां के मिलान स्थल त्रिवेणी पर भी 2.90 मीटर की चादर चल रही है। ऐसे में बांध में पानी की आवक और बढ़ेगी। बांध की भराव क्षमता 315.50 मीटर है। जैसे-जैसे बांध के पानी का फैलाव होगा, वैसे वैसे जल स्तर के स्केल पर बढ़ने की गति कम होगी। मालूम हो कि बीसलपुर बांध अब अजमेर और जयपुर जिले के लिए लाइफ लाइन है। अजमेर जिला तो पेयजल के लिए पूरी तरह बीसलपुर बांध पर निर्भर है, जबकि जयपुर जिला भी बीसलपुर बांध पर ही निर्भर होता जा रहा है। जानकार सूत्रों के अनुसार बीसलपुर बांध में आगामी डेढ़ वर्ष तक जयपुर और अजमेर की प्यास बुझाने जितना पानी आ गया है। यदि बांध में क्षमता के अनुरूप 315.50 मीटर पानी भरता है तो दो वर्ष तक इन जिलों में पेयजल की सप्लाई हो सकती है। अजमेर और जयपुर जिले के लाखों नागरिकों की नजर हमेशा बीसलपुर बांध के जल स्तर पर रहती है। लगातार हो रही बरसात से अजमेर के लोगों के घरों में पानी भर गया है। मीडिया भी स्थानीय प्रशासन पर गुस्सा उतार रहा है। कहा जा रहा है कि वर्षा पूर्व नालों की सफाई के इंतजाम किए जाने थे वे नहीं किए गए। अब जल जमाव से बाढ़ जैसे हालात हैं। अजमेर के लोगों को हिमाचल, पंजाब और दिल्ली के हालात देखने चाहिए। इन राज्यों में नदियों के पानी की वजह से हालात बिगड़ गए हैं। अजमेर के लोगों को शुक्र मनाना चाहिए कि यहां कोई नदी नहीं है। जब राजनेता और अधिकारी सिर्फ आनासागर झील को नहीं संभाल पा रहे हैं, तब यदि कोई नदी होती तो बिगड़े हालातों की कल्पना की जा सकती है। नेता और अधिकारी आनासागर झील को ही नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं। अब तो फॉयसागर का पानी आनासागर में आने लगा है,ऐसे में आने वाले दिनों में अजमेर के हालात और बिगड़ेंगे।
Author: cnindia
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