अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में आंतरिक इंतजाम करने वाली दरगाह कमेटी ने अपनी सैकड़ों बेशकीमती संपत्तियों को जर्जर घोषित कर दिया है। इन संपत्तियों में रहने वालों को नोटिस देकर सूचित किया गया है कि ऐसी संपत्तियां बरसात के दिनों में गिर सकती हैं। ऐसे में संपत्तियों का कब्जा तत्काल दरगाह कमेटी को सौंप दिया जाए ताकि इन संपत्तियों की मरम्मत करवाई जा सके। कमेटी के नाजिम ने जिन संपत्तियों को जर्जर बताया है उनमें दीवान साहब की हवेली भी शामिल है। मालूम हो कि इस हवेली में मौजूदा दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन और उनके उत्तराधिकारी पुत्र सैय्यद नसीरुद्दीन परिवार सहित रहते हैं। दीवान साहब की हवेली के साथ साथ मदार गेट स्थित सराय चिश्ती चमन, कबाड़ी मोहल्ला, मार्टिंडल ब्रिज के पास, सौदागर मोहल्ला, देहली गेट, कुम्हार मोहल्ला, नया बाजार, आशा गंज, लाल कोठी, दरगाह बाजार, लंगर खाना गली, सिविल लाइन और शहर के अन्य स्थानों पर स्थित संपत्तियां शामिल हैं। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि संपत्तियां खाली नहीं करने पर प्राकृतिक आपदा के समय संपत्तियों के गिरने की स्थिति में किसी भी जानमाल की हानि की जिम्मेदारी दरगाह कमेटी की नहीं होगी। इसके लिए कब्जेदार स्वयं जिम्मेदार होगा। दरगाह कमेटी की इस आम सूचना से सैकड़ों संपत्तियों में रहने वाले हजारों लोगों में खलबली मच गई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि दरगाह कमेटी की संपत्तियां शहर के प्रमुख बाजारों में स्थित है, जिसकी कीमत आज करोड़ों रुपए की है। दीवान साहब की विशाल हवेली तो ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट ही है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि दरगाह कमेटी केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन काम करती है। कमेटी के नाजिम पद पर भी मंत्रालय के अधिकारी ही नियुक्ति हैं क्योंकि अभी स्थाई नाजिम की नियुक्ति नहीं हुई है। अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी के पास है। 12 जुलाई को अजमेर के जिला न्यायालय परिसर में जिला बार एसोसिएशन की ओर से सेंट्रल जेल के कैदियों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस प्रदर्शनी का उद्घाटन जिला जज संगीता शर्मा ने किया। प्रदर्शनी में कैदियों द्वारा तैयार मसले, रजाइयां, पेंटिंग आदि सामग्री प्रदर्शित की गई। कैदियों द्वारा तैयार उत्पादों को खरीदने ने वकीलों में खास रुचि दिखाई। इस अवसर पर जिला जज संगीता शर्मा का कहना रहा कि कैदियों का यह कार्य सराहनीय है। जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने कहा कि कैदियों को अपराध बोध से बाहर निकालने के लिए जेल में कई सकारात्मक कार्य करवाए जा रहे हैं। कैदी भी अब ऐसे सकारात्मक कार्यों में रुचि दिखा रहे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष राठौड़ का कहना रहा कि कैदियों के उत्पादों की प्रदर्शनी का अनुभव अच्छा रहा है। भविष्य में भी ऐसे उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाती रहेगी
Author: cnindia
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