भगौली, बाराबंकी। जिले में कई सरकारी अस्पताल जो बेहद जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं, उन्हें न तो कंडम घोषित किया गया न ही उनकी मरम्मत को लेकर कोई कवायद हो रही है। ऐसे में ड्यूटी करने वाले चिकित्सक तथा स्वास्थ्यकर्मी किसी भी अनहोनी को लेकर दहशत में रहते हैं। वहीं मरीज भी अस्पताल के जर्जर भवनों में जाने से कतराते हैं। सब कुछ जानने के बावजूद संबंधित जिम्मेदार उदासीन बने हैं। जनपद के भगौली तीर्थ के अंतर्गत राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल का संचालन लगभग 30 वर्षों से राजकीय कृषि बीज भंडार (कृषि विभाग) के जर्जर भवन में हो रहा है।
क्षेत्रवासियों के अनुसार सावन के महीने में अस्पताल भगौली तीर्थ के शिव मन्दिर के निकट होने के कारण मरीजों की संख्या अत्यधिक रहती है। लेकिन फिर भी अव्यवस्था ऐसी है कि भवन का प्लास्टर टूट रहा है दीवारें चिटकी हुई हैं और बदबूदार कमरों में दवाओं के साथ फार्मेसिस्ट और डॉक्टर मरीजों को दवा देने पर मजबूर है। साथ ही साथ इस अस्पताल में प्रसाधन व पेयजल सम्बन्धित सुविधा भी नदारद है। प्रदेश की सरकार के स्वास्थ्य विभाग को लेकर दावे जमीनी हकीकत में नजर नहीं आते।
भगौली तीर्थ स्थित इस होम्योपैथिक अस्पताल में न दवाओं को रखने की उचित व्यवस्था है और न ही मरीजों की सुरक्षा की। मरीजों का कहना है कि यदि डॉक्टर इतने जुझारु व कर्मठ न होते तो यह अस्पताल कब का बन्द हो चुका होता, लेकिन भवन जर्जर होने की दशा में भी उपचार व दवाओं में कोई लापरवाही नजर नहीं आती है।
वही डॉक्टर फार्मासिस्ट बताते हैं कि विभाग को इसके बारे में कई बार सूचना दी गई है, विभागीय अधिकारी व प्रशासन इस जर्जर भवन की स्थिति से अवगत है। लेकिन फिर भी चिकित्सालय भवन के जीर्णोद्धार की कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।