कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढा ने 21 जुलाई को विधानसभा में सरकार के खिलाफ जो बयान दिया है उसमें भाजपा विधायक दल के नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ के कहने से बयान दिया। हालांकि उसी दिन गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया, लेकिन सवाल उठता है कि सीएम गहलोत हर बार अपनी बुराई का ठीकरा भाजपा पर क्यों फोड़ते हैं? चार वर्ष पहले सीएम गहलोत ही गुढा को बसपा से कांग्रेस में आए थे। गुढा ने जब सरकार बचाई तो गहलोत ने ही शाबाशी दी थी। गुढा को कांग्रेस का भरोसेमंद विधायक बताया, लेकिन जब गुढा ने प्रदेश में महिला सुरक्षा के मामले में अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया तो कांग्रेस को भाजपा की साजिश नजर आ रही है। सवाल यह भी है कि क्या गहलोत के मंत्री इतने भोले और नासमझ है कि भाजपा की साजिश में फंस रहे हैं? सब जानते हैं कि जुलाई 2020 में जब सचिन पायलट 18 विधायकों को लेकर कांग्रेस हाईकमान से मिलने दिल्ली गए थे, तब भी गहलोत ने भाजपा की साजिश बताया, जबकि पायलट और उनके समर्थक विधायक मुख्यमंत्री की कार्यशैली से ही खफा थे। अपनी बुराई को छिपाने के लिए तब गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमारे विधायक 35-35 करोड़ रुपए में खरीद लिए हैं। हालांकि कांग्रेस विधायकों के बिल जाने का कोई भी सबूत सीएम गहलोत आज तक नहीं दे सके। गहलोत का पायलट से विवाद अभी भी जारी है। गहलोत को लगता है कि पायलट और उनके समर्थक अभी भी भाजपा के साथ हैं। असल में अपनी बुराई का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ने में गहलोत कोई चूक नहीं करते हैं। गहलोत को गुजरात चुनाव में कांग्रेस की ओर से सीनियर पर्यवेक्षक बनाया गया था। कांग्रेस को 182 में से मात्र 18 सीटें मिली। गहलोत ने तत्काल कह दिया कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की वजह से हार हुई है। यानी अपनी बुराई का ठीकरा आप पार्टी पर फोड़ दिया, जबकि चुनाव प्रचार के दौरान गहलोत ने कई बार कहा कि आम आदमी पार्टी का गुजरात में कोई वजूद ही नहीं है। ऐसा नहीं कि गहलोत ने बगावत न की हो। गत वर्ष 25 सितंबर को विधायक दल की समानांतर बैठक करवा कर गहलोत कांग्रेस हाईकमान को भी आंखें दिखा चुके हैं।
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी को लेकर आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ ने एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। गुढा का कहना है कि पूर्व में जब धर्मेन्द्र राठौड़ पर इनकम टैक्स और ईडी की रेड हुई, तब सीएम गहलोत ने मुझ पर ही भरोसा किया और रेड के दौरान एक डायरी लाने को कहा। मैं अपनी चतुराई से डायरी ले आया। तब गहलोत ने कहा कि आपको तो फिल्मों में होना चाहिए। लेकिन आज अशोक गहलोत बदले हुए हैं। उन्हें अपने वफादार लोगों पर ही भरोसा नहीं है। गुढा का कहना है कि 24 जुलाई को विधानसभा में सरकार और कांग्रेस संगठन को लेकर बड़े खुलासे करुंगा। मालम हो कि पूर्व में कांग्रेस के एक विधायक ने धर्मेन्द्र राठौड़ को सत्ता का दलाल तक कहा था। माना जा रहा है कि 24 जुलाई को गुढा धर्मेन्द्र राठौड़ के यहां से मिली डायरी का भी उल्लेख करेंगे। सवाल उठता है कि आखिर उस डायरी में क्या है?