जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विशेष डीएलआरसी बैठक आहूत की गई। डीएम ने जनपद के गिरते ऋण जमा अनुपात सीडी रेशियोको बढ़ाने के लिए बैंक समन्वयकों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने निर्देशित किया कि बैंक शासकीय योजनाओं में ऋण देने में दिलचस्पी दिखाएं। समीक्षा के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, सीबीआई, इंडियन बैंक, पीएनबी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई, आईओबी समेत अन्य बैंक के जिला समन्वयकों की कार्यशैली के प्रति गहरी नाराजगी प्रकट की गई। डीएम ने कहा कि एक तरफ जहां निजी बैंक ग्राहक को आसानी से लोन दे रहे हैं, वहीं आंकड़े दर्शाते हैं कि राष्ट्रीयकृत बैंक ऋण नहीं दे रहे हैं, परिणामस्वरूप केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ शासन की मंशा के अनुरूप लाभार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बैंकर्स अपनी शिथिल कार्यप्रणाली एवं मनमानी से शासकीय योजनाओं को पलीता न लगाएं। विगत 3 वर्षों के तुलनात्मक अध्ययन से मालूम हुआ कि 2021 में 54.28, 2022 में 50.94 एवं 2023 में 51.23 प्रतिशत सीडी रेशियो रहा, जोकि स्टेट एवरेज से नीचे है। बैठक एडीएम प्रशासन पंकज कुमार, पीडी डीआरडीए भाल चन्द्र त्रिपाठी, डीडीएम नाबार्ड नितिन, डीएचओ धीरेन्द्र सिंह, संयुक्त आयुक्त उद्योग बीरेन्द्र सिंह समेत सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।