यों तो रासस-भाजपा में एक से बढ़कर एक निर्लज्ज लफ्फाज भरे हुए हैं, लेकिन उनमें भी सबसे ज्यादा बेशर्म केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी हैं जो कल संसद में गला फाड़-फाड़कर चीखते-चिल्लाते मणिपुर में महिलाओं के साथ किये गये दुष्कर्म को कमतर दिखाने की कोशिश में राजस्थान और छत्तीसगढ़ की घटनाओं को उससे जोड़ रही थी! क्योंकि उनके नीच पथ-प्रदर्शक ने 20 जुलाइ को ऐसा प्रोपेगैंडा चलाने का स्पष्ट इशारा कर दिया था।क्या इस घटिया औरत को राजस्थान व छत्तीसगढ़ में भी मणिपुर की तरह पुलिस थाने लुटते और गृहयुद्ध होते दिखाई दे रहे हैं? क्या इन कांग्रेस शासित राज्यों में भी व्यापक स्तर पर सुनियोजित ढंग से नरसंहार और आगजनी हो रही है? क्या इन राज्यों से भी 50-60 हजार लोगों को उनके घरों में प्राण बचाकर दूसरी जगहों पर शिविरों में रहना पड़ रहा है? निर्लज्जता न कोई सवाल सुनती है और न ही किसी प्रश्न का उत्तर देती है।पूरे 78 दिनों तक मोदी के मौन धारण करने से वहां स्थिति कितने नाजुक दौर में पहुंच चुकी है कि आज चार दिन की शांति के बाद मणिपुर फिर हिंसा की आग में झुलसने लगा है। वहां सैन्यबलों पर उग्रवादियों द्वारा फायरिंग की गई। इसका शक उन 715 लोगों पर है, जो दो दिन पहले म्यांमार से मणिपुर में घुस आए थे। अहम बात यह है कि इसके बाद से ही सेना और सैन्य बलों पर सीधे हमले भाग शुरू हुए हैं।