बल्दीराय/बल्दिराय क्षेत्र के चक्कारी भीट में हर साल की तरह आज यानी दस मोहर्रम को ताज़िया का जुलूस अपने निर्धारित समय पर अपनी पुराने रास्ते से होते हुये कर्बला पहुँच कर सिपुरदे खाक किया रास्ते भर में अन्जुमन करवाने अज़ा ने नौहा व मातम किया और ज़ंज़ीर का मातम किया जगह जगह शबीले हुसैन का विषेस प्रबन्ध अन्जुमन कारवाने अज़ा के तरफ से किया गया और जुलूस के पहले मौलाना अतहर अब्बास क़िब्ला मुम्बई ने खेताब करते हुऐ अपने बयान में कहा की तारीख बड़ी कयामत की तारीख है आज के दिन कर्बला में इमामे हुसैन आ0 स0 पर इतना अत्याचार हुआ है की कोई भी बयान नही कर सकता जब इमाम हुसैन और उनके सारे साथियों को शहीद के दिया गया और उनके पूरे परिवार को कैद यानी बन्धक बना लिया गया और उनके छोटे छोटे बच्चों को नग्गे पावँ कर्बला की जलती हुई रेत पर चलाया गया सारे परिवार को एक रस्सी में गले से बांधा गया और जबरजस्ती चलाया जाता जब बच्चे न चलते तो उनको और माँओं को कोड़े से मारते दुनिया मे कोई ज़ुल्म यानी अत्याचार बाकी न रहा की जो इमाम हुसैन के साथ और उनके घरवालों के साथ न हुआ हो इतना सब होते हुये भी इमाम हुसैन जीत गये और यज़ीद मिट्टी में मिल गया सब कुछ लुटा कर इमाम हुसैन चौदा सौ साल बाद आज भी पूरी दुनिया हुसैन हुसैन कह रही है और यज़ीद का कोई नामो निशान नही है जुलूस के आखरी में अंसार हुसैन व ज़ीशान हैदर हुसैन हैदर कल्वे हैदर मोहम्मद ने नौहा पढ़ा ऐ शाहे कर्बला अल्वेदा अल्वेदा दिलबरे फ़ातेमा अल्वेदा अल्वेदा । हम जो ज़िंदा रहें तो सजायेंगे फिर ये आलम ताज़िया अल्वेदा अल्वेदा इस मौके पर अंसार हुसैन मोहम्मद वसीम मोहम्मद सफीक राईन सिराज अहमद राइन मुन्ना सहजाद अकबर अली गोलू मोहम्मद ज़कीन चिग्गु मोहम्मद हलीम हल्ले मोहम्मद वसीम घोसी आदिल खान अमरोज़ राइन ननकऊ हरिजन शाहिद हुसैन मोहम्मद अब्बास अमन अली जमन अली अयान मोहम्मद रेहान फरहान अली सगीर हुसैन इसरार हुसैन हसनैन अली शोहेल मोनू रईस हैदर अमीर हैदर मौजूद रहे यह जानकारी अन्जुमन के सदर अंसार हुसैन व मोहम्मद वसीम ने दी ।