श्री क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक और राजपूत समाज में संत की भूमिका निभाने वाले भगवान सिंह रोलसाहबसर ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में राजपूत उम्मीदवारों को क्षत्रिय युवक संघ का समर्थन मिलेगा। लेकिन जिस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा दोनों के उम्मीदवार राजपूत होंगे, वहां संघ तटस्थ रहेगा। संघ किसी भी राजपूत नेता को उम्मीदवार बनवाने में मदद नहीं करेगा, लेकिन यदि कोई राजनेता टिकट हासिल करने में सफल होता है तो चुनाव में राजपूत उम्मीदवार की पूरी मदद की जाएगी। रोल साहब सर ने कहा कि संघ का राजनीति से कोई सरोकार नहीं है, लेकिन संघ की भूमिका राजपूत समाज को मजबूत करने में है। उन्हें पता है कि राजनीति के कारण संगठन कमजोर हो जाता है। इसलिए यह स्पष्ट कहा गया है कि जिन राजपूतों को किसी पार्टी की गतिविधियों में भाग लेना है, उन्हें पहले संघ के दायित्व से मुक्त होना पड़ेगा। संघ में रहते हुए राजनीति करने की इजाजत नहीं है। उनके लिए सभी राजनीतिक दल बराबर हैं, इसलिए चुनाव में किसी एक दल का समर्थन नहीं किया जाएगा। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में रोलसाहबसर ने कहा कि उनका उद्देश्य राजपूत समाज के युवाओं को सेवाभावी और चरित्रवान बनाना है। पूर्व में जब राजपूतों की रियासतें थीं, तब न्याय व्यवस्था मजबूत थी। राजपूत शासकों ने अपने वचन के खातिर बड़े से बड़ा बलिदान दिया है। पुरानी परंपराओं के बारे में बताने के लिए क्षत्रिय युवक संघ की शाखाएं भी लगाई जाती हैं। युवकों को प्रशिक्षित करने के लिए चार से 11 दिवसीय शिविर भी लगाए जाते हैं। इन आवासीय शिविरों के खर्च के सवाल पर रोलसाहबसर ने कहा कि शिविरार्थी अपना बिस्तर व वर्तन साथ लाते हैं तथा भोजन कोई राजपूत परिवार करवाता है। ऐसे में संघ का कोई पैसा खर्च नहीं होता। हम मिनिमम आवश्यकताओं में जीने की सीख देते हैं। मेरा मानना है कि सेवा ही अध्यात्म है। सेवा की भावना आने पर ही अध्यात्म की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। वर्ष 2006 में मुझे अंदर से सेवा की प्रेरणा मिली। आज क्षत्रिय युवक संघ एक मजबूत स्थिति में खड़ा है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 20 में जयपुर में जो क्षत्रिय सम्मेलन हुआ, उसी की तर्ज पर अब 28 जनवरी को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में राष्ट्रीय स्तर का राजपूत सम्मेलन किया जाएगा।