सिंगरौली। सिंगरौली जिले के पुलिस विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग के बीच कोतवाली क्षेत्र में इन दिनों रात के अंधेरे में रेत का काला कारोबार बेखौफ संचालित हो रहा है। हैरत की बात यह है कि पूरे दिन गरीब, असहाय व्यक्तियों की हेलमेट पर नजर रखने वाला सीसीटीवी कैमरा रात में काम करना बंद कर देता है और रेत से भरे ट्रैक्टरों का बेखौफ संचालन शुरू हो जाता है। इस पूरे मामले में कोतवाली पुलिस की भूमिका संदिग्ध बतायी जा रही है। सूत्रों की मानें तो रात ११ बजे के बाद अवैध रेत का जो कारोबार शुरू होता है वह सुबह छ: बजे तक बेखौफ जारी रहता है। कोतवाली क्षेत्र में आधा सैकड़ा टै्रक्टर शहर की गलियों में धमाचौकड़ी करते हुये सुनसान इलाकों से पार होते हैं। कहने को तो कोतवाली पुलिस पूरी रात गश्त करती है परन्तु उन्हें यह ट्रैक्टर दिखायी नहीं देते। बताया जाता है कि पुलिस विभाग की आंख बंद करने के लिए प्रति टै्रक्टर एक मोटी रकम पुलिसकर्मियों को दिया जाता है। बताया जाता है कि उक्त ट्रैक्टर अवैध तरीके से खजुरी, बलियरी और रेणु नदी सासन पुल के पास से रेत उठाते हैं और जहां निर्माण कार्य चल रहा है उन्हें मनमाने दर पर मुहैया कराया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार रात के दस बजते ही अवैध रेत के विक्रेताओं के एजेंट बाइक से पूरे शहर की रेकी करते हैं। जहां माल गिराना है उस जगह पर पहले पहुंचकर पूरी तसल्ली करते हैं इसके बाद टै्रक्टर उस जगह पर पहुंचते हैं। बताया जाता है कि इसमें कोतवाली पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध रूप से रहती है। टै्रक्टर किस गली से गुजरेगा और कहां से पार होगा इसकी बकायदे एजेंटों को पुलिस द्वारा जानकारी प्रदान की जाती है। इस धंधे में लगे पुलिसकर्मियों को यह मालूम होता है कि पुलिस का कोई आला अधिकारी रात में गश्त करने नहीं आयेगा जिसका फायदा उनके द्वारा पूरी तरह उठाया जाता है। इस गोरखधंधे में शासन को प्रतिमाह लाखों रूपये के राजस्व की क्षति होती है।