इसके साथ इसके सीनियर- ASI टीकाराम मीना थे. ट्रेन में हुई राजनीतिक बहस के बीच ही इसने ASI टीकाराम मीना को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया.इसके बाद इसने मधुबनी के अब्दुल कादिर की भी गोली मारकर हत्या कर दी. फिर ये आगे चला जहाँ इसे रेल बोगी की पैंट्ररी में एक आदमी मिला, उसे भी इसने मौत के घाट उतार दिया.फिर आगे S-6 कोच में गया. वहां इसे असगर अली नाम का जयपुर का एक चूड़ी बेचने वाला मिला उसे भी इसने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया.हत्याएं करते हुए चेतन सिंह ये कह रहा है कि- हिंदुस्तान में रहना है तो योगी-मोदी कहना होगा.ये सामान्य घटना नहीं है ये एक नस्लवादी घटना है, एक आतंकवादी घटना है और इसके लिए आरएसएस-भाजपा का प्रचार तंत्र जिम्मेदार है.इसके लिए टीवी की बहसें जिम्मेदार हैं. भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए इस देश की नस्लों में सालों-साल के लिए नफरत बोई है.ऐसे जॉम्बी कभी भी किसी को नोच सकते हैं. इस आतंकवादी घटना की आलोचना बिना इसकी जड़ यानी आरएसएस और भाजपा के दुष्प्रचार की आलोचना किये बिना नहीं की जा सकती. पूरे हिंदुस्तान ही नहीं , पूरी दुनिया के लिए ये शर्मशार करने वाली घटना है.