शेखर सर्राफ मेमोरियल हॉस्पीटल में वैरिकोज वेन्स की विशेषज्ञ एवं इंटरनेशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ.कोनिका चौधरी ने कहा कि वर्तमान में वैरिकाज नसे केवल एक कॉस्मेटिक चिंता का विषय नहीं है। बल्कि वे विभिन्न लक्षण और जटिलताएं भी पैदा कर सकते हैं। वैरिकोज नसों वाले व्यक्तियों को पैरों में दर्द, धड़कन पा भारीपन, पैरों में मकान या मकान का अनुभव हो सकता है, जिससे असुविधा होती है। डॉ. कोनिका चौधरी ने बताया कि अलीगढ़ में रेडियोसी एक्लेशन जैसी आधुनिक तकनीक से वैरिकोज नसों का उपचार संभव है। कुछ कारक वैरिकोज नसों के विकास के जोखिम को बढ़ाते हैं। जिनमें इस स्थिति का पारिवारिक इतिहास मोटापा गर्भावस्था हार्मोनल परिवर्तन समय बैठने या खड़े रहने व्यवसाय और गतिहीन जीवन शैली शामिल हैं। इसमें अधिक समय तक खड़े रहने पैरों में बेचीनी या पैरों सूजन, मासपेशियों में पेंठन प्रभावित नसों के आसपास की त्वचा में खुजली या जलन त्वचा का रंग खराब होना जैसे काला पड़ना या लाल सेना और गंभीर मामलों में अल्सर या खुले घाव जैसी समस्याएँ होती है। उन्होंने बताया कि यदि इलाज नहीं किया जाता है, तो वैरिकाज़ नसें बढ़ सकती हैं और रक्तसाव रक्त के थके और शिरापरक पैर के अल्सर जैसे अधिक महत्वपूर्ण मुरों को जन्म दे सकती हैं। वैरिकाज नसों की प्रगति को रोकने और संबंधित जटिलताओं को कम करने में रेडियोमेसी एब्लेशन एक न्यूनतम आक्रामक प्रक्रिया है