पीपरपुर थाना क्षेत्र स्थित भेवई गांव के रहने वाले आरोपी अरविंद कुमार पांडेय के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़ित महिला के मुताबिक मुकदमा दर्ज होने की तिथि से करीब 2 वर्ष पूर्व वह शौच के लिए निकली थी, इसी दौरान आरोपी अरविंद कुमार पांडेय ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया और उसके बाद भी उसे डरा-धमका कर उसका बराबर यौन शोषण करता रहा। लोक-लाज की डर व आरोपी की दहशत की वजह से पीड़िता ने कहीं मुंह नहीं खोला। बताया जा रहा है कि आरोपी अरविंद पांडेय काफी प्रभावशाली व्यक्ति है, जिसकी वजह से थाने की पुलिस ने उसके खिलाफ पहले मुकदमा दर्ज करना मुनासिब ही नहीं समझा। यहां तक कि पुलिस अधीक्षक ने भी शिकायत के बावजूद मामले में कोई रुचि नहीं ली।
DIG के निर्देश पर दर्ज हुआ था
मामला DIG के पास पहुंचा तो 29 मार्च 2022 को आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म व धमकी के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ। पीड़िता के मुताबिक मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपी के पक्ष में बयान देने व सुलह कर लेने के लिए पीड़ित महिला पर दबाव बनने लगा। कोर्ट व पुलिस के सामने अपने साथ हुई घटना की कहानी पीड़िता ने बयां किया है। लेकिन पुलिस आरोपी अरविंद पांडेय के अनुचित प्रभाव में मनमानी तफ्तीश कर रही है और विवेचना में खेल कर उसके खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय उसे संरक्षण प्रदान कर रही है। पीड़ित महिला ने पुलिस की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए निष्पक्ष जांच कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने इस मामले में SP अमेठी को निष्पक्ष जांच कराने के लिए निर्देशित किया है।
साढ़े पांच माह बाद भी नहीं हुई
इसके बाद भी पुलिस जांच में शिथिलता बरत रही है। मुकदमा दर्ज हुए करीब साढे पांच माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी है। पुलिस की लचर तफ्तीश को लेकर संबंधित न्यायालय में मॉनिटरिंग अर्जी दी गई है। सुनवाई के दौरान पीड़िता के अधिवक्ता जेके मिश्रा ने पुलिस की तफ्तीश पर सवाल खड़ा करते हुए मामले में कार्यवाही की मांग की। जिस पर संज्ञान लेते हुए प्रभारी न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी ने थानाध्यक्ष पीपरपुर को समस्त अभियोजन प्रपत्रों के साथ 15 सितंबर के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब किया