मसौली, बाराबंकी। जहाँ एक तरफ भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लगातार डिजिटल इंडिया स्कीम को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न प्रकार के प्रयास कर रहे हैं और योजनाओं पर करोड़ो रुपया भी सरकार के द्वारा खर्च किया जा रहा है।तो वहीं कुछ अधिकारी और कर्मचारी सरकारी योजनाओं पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। और लगातार सरकार की छवि धूमिल करने के साथ ही प्रधान मंत्री के डिजिटल इंडिया के सपने को भी पलीता लगाने में जुटे हुए हैं।
अवगत करा दे की जनपद बाराबंकी के थाना मसौली क्षेत्र के अंतर्गत मसौली कस्बा स्थित शिव कृष्णा इंडेन गैस एजेंसी हैं।जिसमें उपभोताओं को परेशान करने का काम किया जाता है।इस एजेंसी के द्वारा ग्राम ज्योरी के निकट गैस वितरण केंद्र बनाया गया है जहाँ से क्षेत्रीय उपभोक्ताओं को गैस की आपूर्ति की जाती है।आस पास से,कई किलोमीटर दूर से,ग्रामीण क्षेत्रों से उपभोक्ता गैस सिलेंडर रिफिल करवाने आते और इस दौरान कई उपभोक्ताओं के पास नगद रुपयों की व्यवस्था न हो पाने के कारण उन्हे करीब चार पांच किलोमीटर की दूरी कस्बा स्थित गैस एजेंसी के ऑफिस में जाना पड़ता हैं।वहाँ पेमेंट करने के बाद रसीद वापस लाकर ज्योरी स्थित गैस वितरक को देने पर गैस सिलेंडर रिफिल किया जाता है। इस दौरान उपभोक्ताओं को काफी भागदौड़ के साथ ही मानसिक प्रताड़नाओ का सामना भी करना पड़ता है।वहीं बता दे की गैस वितरण कर रहे विनोद से डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था होने की बात पूछी गयी जिसपर बताया गया की यहाँ नगद पेमेंट के अलावा और किसी भी प्रकार से पेमेंट की व्यवस्था नहीं हैं। यदि कोई भी उपभोक्ता यूपीआई के माध्यम से या अन्य डिजिटल माध्यम से पेमेंट करना चाहे तो पहले मसौली थाने के निकट स्थित गोदाम पर जाए उसके बाद करीब चार- पांच किलोमीटर दूर मसौली कस्बे में स्थित ऑफिस जाए वहाँ से पेमेंट रसीद हमारे पास लाये तब गैस सिलेंडर ले जाए।लगातार इंडेन गैस एजेंसी के कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा हैं।और कई किलोमीटर दौड़ना पड़ रहा हैं। साथ ही बता दे की दूर दराज के क्षेत्र में गैस वितरण हेतु कर्मचारी गाड़ी लेकर जाते हैं लेकिन उनके पास भी डिजिटल पेमेंट की कोई व्यवस्था नहीं रहती हैं।गांव में गैस लेने हेतु पहले एजेंसी जाकर पेमेट करना होगा और वहाँ से रसीद लाकर वितरक को देने के बाद ही गैस सिलेंडर रिफिल किया जाता है।लगातार एजेंसी की लापरवाही के चलते उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।