बाराबंकी। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में जहां सरयू व घाघरा के घट रहे जलस्तर से लोगों ने राहत की सांस ली है वहीं कटान बढ़ने का खतरा लोगों की नींद अभी भी हराम किए हुए है। घटते हुए जलस्तर के साथ ही सक्रांमक बिमारियों का खतरा भी बाढ़बग्रस्त निवासियों की परेशानी बढ़ा रहा है। जिसको लेकर जिले के डीएम अविनाश कुमार ने लोगों को आश्वत करने का प्रयास करते हुए ढ़ाढ़स बंधाया है कि जनपद में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य पूरी सतर्कता एवं संवेदनशीलता के साथ सम्पादित कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यों का नियमित अनुश्रवण भी किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी सम्बंधित उप जिलाधिकारियों को एलर्ट पर रहने के लिए निर्देशित किया गया है।बताते चलें कि बाढ़ के लिए जारी सूचना में रामसनेहीघाट के एसडीएम ने बताया कि उनके क्षेत्र में पानी लगातार घट रहा है। बाढ़ के पानी से आबादी के क्षेत्र प्रभावित नहीं हुए हैं। वहीं सिरौलीगौसपुर के एसडीएम ने भी क्षेत्र में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे जाने बाबत जानकारी देते हुए बताया कि गांवों के रास्तों पर आवागमन सामान्य रूप से चल रहा है। आबादी क्षेत्र बाढ़ के पानी से प्रभावित नहीं है। रामनगर क्षेत्र के एसडीएम ने भी हेतमापुर में लगातार राहत कार्य जारी रहने की जानकारी देेते हुए बताया कि बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रभावित 6241 आबादी को दोनों पाली में 6804 लंच पैकेट वितरित किए गए है।
क्षेत्रीय नायब तहसीलदार शैलेश पांडेय ने बताया कि करीब 49 नाव संचालन के साथ वे मौके पर मोजूद है। श्री पाण्डेय ने बताया कि घाघरा का जलस्तर गुरूवार की तुलना में घटा है जिसकी वजह से सरसंडा नई बस्ती में कटान शुरू हो गई है। उन्होने बताया कि बाढ़ कार्यखण्ड के अधिशाषी अभियन्ता शशिकान्त सिंह को अपेक्षित उपाय करने के लिए सूचित कर दिया गया है। हेतमापुर बांध पर राहत शिविरों में बतनेरा, हेतमापुर, सरसंडा,डिहुवा, बेलहरी मजरे बतनेरा, जमका के मजरो के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत निरीक्षण जारी है। जानकारी अनुसार बाढ़ ड्यूटी पर तैनात संबधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है। रात्रि में समुचित प्रकाश की व्यवस्था है तथा चिकित्सा आदि अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था उपलब्ध है।