शिक्षा एवं शिक्षक के प्रति सम्मान रखकर ही लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता हैरू सुधीर तिवारी
बाराबंकी। गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर सतरिख स्थित टीआरसी लाॅ काॅलेज में विविध प्रतियोगिताएं, नृत्य, नाटक, गीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसके पश्चात् सभी प्रवक्तागणों एवं प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विधि महाविद्यालय के संस्थापक उमेश चन्द्र चतुर्वेदी एवं प्रबन्धक डा. सुजीत चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती एवं डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात् विधि महाविद्यालय की स्वर्ण पदक विजेता श्रद्धा निगम द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत किया गया।
संस्थापक उमेश चन्द्र चतुर्वेदी ने कहा कि जो शिक्षा का वर्तमान परिवेश है उसमें सुधार की आवश्यकता है साथ ही छात्रों को भी सुधार की आवश्यकता है और राष्ट्र के विकास कार्यों की गति के साथ स्वयं को उन्नतिशील बनाते हुए योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संघ के जिला कार्यवाह सुधीर तिवारी ने गुरू शिष्य परम्परा के सम्बन्धों के विभिन्न उदाहरणों के द्वारा छात्रों को शिक्षा एवं शिक्षक के प्रति सम्मान रखते हुए अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया। जिला पूर्ति अधिकारी डाॅ. राकेश कुमार तिवारी ने शिक्षक की महत्ता तथा छात्र के शिक्षक के प्रति कर्तव्यनिष्ठ होने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अश्वनी कुमार गुप्ता, प्रवक्ता नवीन सिंह, मोहम्मद अमजद अंसारी आदि ने भी सम्बोधित किया जिसके पश्चात् समस्त प्रवक्तागणों, कर्मचारियों, विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। अन्त में प्रबन्धक डाॅ. सुजीत चतुर्वेदी ने सभी को धन्यवाद् ज्ञापित किया।
इस अवसर पर प्रशासनिक निदेशिका रोली मिश्रा, डाॅ. दीपमाला श्रीवास्तव वीर विक्रम सिंह, डाॅ. राजीव नयन सिंह, प्रमोद कुमार, डाॅ. हरिशंकर सिंह, प्रभाकर कुमार, मुकेश कुमार, डाॅ. मनोज कुमार तिवारी, प्रियांशी श्रीवास्तव, अंकित मिश्रा, अवनीश शर्मा, रोहिणी त्रिपाठी सहित महाविद्यालय के कर्मचारी, छात्र छात्राएं एवं समस्त प्रवक्तागण उपस्थित रहे।
बाराबंकी। गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर सतरिख स्थित टीआरसी लाॅ काॅलेज में विविध प्रतियोगिताएं, नृत्य, नाटक, गीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसके पश्चात् सभी प्रवक्तागणों एवं प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विधि महाविद्यालय के संस्थापक उमेश चन्द्र चतुर्वेदी एवं प्रबन्धक डा. सुजीत चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती एवं डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात् विधि महाविद्यालय की स्वर्ण पदक विजेता श्रद्धा निगम द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत किया गया।
संस्थापक उमेश चन्द्र चतुर्वेदी ने कहा कि जो शिक्षा का वर्तमान परिवेश है उसमें सुधार की आवश्यकता है साथ ही छात्रों को भी सुधार की आवश्यकता है और राष्ट्र के विकास कार्यों की गति के साथ स्वयं को उन्नतिशील बनाते हुए योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संघ के जिला कार्यवाह सुधीर तिवारी ने गुरू शिष्य परम्परा के सम्बन्धों के विभिन्न उदाहरणों के द्वारा छात्रों को शिक्षा एवं शिक्षक के प्रति सम्मान रखते हुए अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया। जिला पूर्ति अधिकारी डाॅ. राकेश कुमार तिवारी ने शिक्षक की महत्ता तथा छात्र के शिक्षक के प्रति कर्तव्यनिष्ठ होने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अश्वनी कुमार गुप्ता, प्रवक्ता नवीन सिंह, मोहम्मद अमजद अंसारी आदि ने भी सम्बोधित किया जिसके पश्चात् समस्त प्रवक्तागणों, कर्मचारियों, विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। अन्त में प्रबन्धक डाॅ. सुजीत चतुर्वेदी ने सभी को धन्यवाद् ज्ञापित किया।
इस अवसर पर प्रशासनिक निदेशिका रोली मिश्रा, डाॅ. दीपमाला श्रीवास्तव वीर विक्रम सिंह, डाॅ. राजीव नयन सिंह, प्रमोद कुमार, डाॅ. हरिशंकर सिंह, प्रभाकर कुमार, मुकेश कुमार, डाॅ. मनोज कुमार तिवारी, प्रियांशी श्रीवास्तव, अंकित मिश्रा, अवनीश शर्मा, रोहिणी त्रिपाठी सहित महाविद्यालय के कर्मचारी, छात्र छात्राएं एवं समस्त प्रवक्तागण उपस्थित रहे।
Author: cnindia
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