बाराबंकी- कवराचौथ पर्व से जहां बाजारों में रौनक व भीड़ बढ़ी वहीं बाजार में तमाम पूजा पाठ के समानों सहित अन्य वस्तुओं की भी खासी बिक्री हुई। देर शाम तक फूलों की दुकान पर भी भारी भीड़ लगी रही।
बताते चलें कि करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत की सुहागिन स्त्रियों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह त्यौहार न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास का प्रतीक भी है। जनपद में तमाम सुगाहिन महिलाओं ने दिन भर नियमानुसार व्रत रखकर शाम को परंपरानुसार पूजा आदि करने के बाद उदित हुए अपने पति को देखकर व्रत पूर्ण किया। बताते चलें कि करवाचौथ को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित है। जिसमें भगवान शिव ने माता पार्वती को जहां इसकी कथा सुनाई थी वहीं कथा नुसार महाभारतकाल में भगवान श्रीकृष्ण ने भी अपनी पत्नी रूकमणि का यह कथा सुनाई थी। वहीं एक कथानुसार ब्रह्मदेव ने भी सभी देवियों से इस व्रत की महिमा बताते हुए इसको रखने के लिए कहा।